नारायणपुर में महिला डॉक्टर ना होने से प्रसूताओं को करना पड़ रहा परेशानियों का सामना
चिकित्सालय में महिला चिकित्सक नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है. नारायणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र होते हुए भी सुविधा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसी मिल रही है. चिकित्सालय में मौसमी बुखार के चलते ओपीडी 500 के पार जा रही है और चिकित्सकों की कमी खल रही है.
Narayanpur: बदहाल चिकित्सा व्यवस्था के कारण सर्वाधिक परेशानी प्रसूताओं को हो रही है. सरकार संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सरकारी चिकित्सालयों में समुचित चिकित्सा सुविधाएं ना होने गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण महिलाओं की जान पर बन जाती है.
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महिला चिकित्सक प्रसव कराने के लिए नही होने से महिलाओं को प्रसव पीड़ा के समय परेशानी का सामना करना पड़ता है और चिकित्सकों से प्रसव करवाना पड़ रहा है. राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणपुर में नर्सिंग स्टाफ की कमी खल रही है, लेकिन इस ओर किसी की नजर नही है. सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल मरीजों को सुविधानुसार निजी वाहनों से उपचार कराने आते है लेकिन उनको सुविधाओं का अभाव है. गंभीर घायलों को बाद में अपनी सुविधा के अनुसार उपचार के लिए ले जाते हैं और चिकित्सालय में महिला चिकित्सक भी नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है. नारायणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र होते हुए भी सुविधा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसी मिल रही है. चिकित्सालय में मौसमी बुखार के चलते ओपीडी 500 के पार जा रही है चिकित्सकों की कमी खल रही है. चिकित्सालय 30 बैड का जिसको 50 बैड में क्रमोन्नत करने की जरूरत है. 50 बैड का होने के बाद तो सुविधा ग्रामीणों को मिल सकती है.
यह पद हैं खाली
सीनियर नर्सिंग ऑफिसर 2 पद, नर्सिंग ऑफिसर द्वितीय 1 पद, कनिष्ठ लेखाकार 1पद, जीएनएम एक पद, वार्ड बॉय 3 पद रिक्त पड़े हुए हैं. रिक्त लम्बे समय चल रहे है.
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