किरोड़ीलाल मीणा और विश्वेंद्र सिंह की दोस्ती काम आई, गहलोत को बड़े संकट से बचाया
Kirorilal Meena Rajasthan : राजस्थान से बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और अशोक गहलोत सरकार के मंत्री विश्वेंद्र सिंह की दोस्ती एक बार फिर काम आई है. जहां संकट राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में रुकावट से जुड़ा था.
Rajasthan : राजस्थान की राजनीति में किरोड़ीलाल मीणा और मंत्री विश्वेंद्र सिंह की दोस्ती एक बार फिर चर्चाओं में है. इस बार ये दोस्ती अशोक गहलोत के लिए फायदेमंद साबित हुई. गहलोत सरकार को एक बड़े संकट से बचाने में ये दोस्ती ही काम आई. दरअसल ये संकट राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ा हुआ था. दौसा में निकलने के बाद जब ये यात्रा अलवर जिले में प्रवेश करने वाली थी तो बीजेपी नेता किरोड़ीलाल मीणा अपने समर्थकों के साथ उसी पंडाल में जाकर बैठ गए जहां राहुल गांधी की यात्रा का लंच कार्यक्रम होने वाला था.
ये राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं के लिए मुश्किल भरा समय था. दक्षिण भारत से शुरु हुई यात्रा गैर कांग्रेस शासित राज्यों से होते हुए राजस्थान पहुंची. यहां कांग्रेस सत्ता में है. ऐसे में यात्रा की राह में मुश्किलें सरकार के लिए भी ठीक नहीं थी. इसके बाद कांग्रेस नेता हरकत में आए. प्रशासन ने कई दौर की वार्ताएं कि लेकिन मीणा इस जिद्द पर अड़े रहे है 7 पुजारियों की हत्या से लेकर भ्रष्टाचार और लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर वो राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे.
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विश्वेंद्र सिंह ने किरोड़ी को मनाया
सरकार के स्तर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और मंत्री टीकाराम जूली ने वार्ता शुरु की. लेकिन उनसे जब किरोड़ीलाल मीणा नहीं माने तो अशोक गहलोत ने विश्वेंद्र सिंह को ये जिम्मेदारी दी. विश्वेंद्र सिंह के कमान संभालते ही वार्ता पटरी पर आई. उन्हौने किरोड़ीलाल से फोन पर बात की. उनको भरोसा दिया कि उनकी सभी मांगों पर सकारात्मक फैसला लिया जाएगा. उनके प्रतिनिधिमंडल को राहुल गांधी से मिलवाया जाएगा. जिसके बाद धरना समाप्त हो गया. दरअसल किरोड़ीलाल मीणा बीजेपी नेता है. वो भाजपा से राज्यसभा सांसद भी है. तो विश्वेंद्र सिंह राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंत्री है. लेकिन अलग अलग पार्टी में होने के बावजूद दोनों की दोस्ती कई बार अशोक गहलोत सरकार को इस तरह के संकट से बचा चुकी है. किरोड़ी मीणा भी कई बार अपनी मांगें लेकर समर्थकों के साथ विश्वेंद्र सिंह से ही मिलने पहुंच जाते है.