मुंडावर: हरियाणा राजस्थान बॉर्डर को किया गया सील, जानें क्या है पूरा मामला
मैकवान जिनका संगठन लगातार दलितों के कष्टों और मुद्दों का दस्तावेजीकरण करता रहा है और सरकार से कहना है कि 10 क्विंटल पीतल का सिक्का 2,450 किलोग्राम पीतल के बर्तनों को पिघलाकर बनाया गया है.
Mundawar: अलवर जिले के शाहजहांपुर बॉर्डर पर हरियाणा प्रशासन की तरफ से हरियाणा बॉर्डर पर भारी बैरिकेट्स के साथ हाईवे सहित सर्विस रोड़ को बेरीकेट्स लगा कर सामाजिक समरसता और संसद भवन में बाबा साहब और महात्मा बुद्ध के चित्र उकेरा 1111 किलो पीतल के सिक्के को स्थापित करने की मांग को लेकर भीम रूदन राष्ट्रीय रैली अहमदाबाद से प्रारम्भ होकर सांचौर से प्रवेश कर गुडामालानी, सिणधरी, जयपुर वाया कोटपूतली होते हुए दिल्ली जाने का कार्यक्रम है और हरियाणा प्रशासन रैली को हरियाणा बॉर्डर से हरियाणा में प्रवेश पर रोक लगाने की तैयारियां की जा रही रैली को रोकने के लिए भारी फोर्स सहित बेरिकेट्स लगा दिया गया.
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जानकारी के अनुसार गुजरात के वयोवृद्ध दलित नेता नवसर्जन ट्रस्ट के संस्थापक मार्टिन मैकवान ने दलित समुदाय द्वारा एक अद्वितीय पीतल का सिक्का विकसित किया है, जिसमें इस सवाल को उकेरा गया है कि क्या 1947 में अस्पृश्यता मुक्त भारत का सपना 2047 में सच होगा मैकवान ने आज राजस्थान में यात्रा के स्वागत सम्मान के दौरान कहा कि पूरे देश के लाखो दलित नई दिल्ली में बनने वाले नए संसद भवन पर सिक्का स्थापित करने की मांग के लिए एक अभियान शुरू कर दिए हैं. भीम रुदन (भीम का विलाप) नामक यह यात्रा डॉ भीमराव अंबेडकर और देश से छुआछूत को खत्म होते देखने के उनके सपने की याद में है.
मैकवान जिनका संगठन लगातार दलितों के कष्टों और मुद्दों का दस्तावेजीकरण करता रहा है और सरकार से कहना है कि 10 क्विंटल पीतल का सिक्का 2,450 किलोग्राम पीतल के बर्तनों को पिघलाकर बनाया गया है. मार्टिन ने विशाल सिक्का बनवाने के लिए साढ़े छः लाख रुपए खर्च किए हैं और यह पूरी राशि डाअम्बेडकर के समर्थकों द्वारा मार्टिन भाई को दान की गई है.
साथ ही सिक्के का वजन 1,000 किलोग्राम है, 2047 मिमी व्यास का है और 10 फीट खड़ा है. सिक्के में एक तरफ डा बीआर अम्बेडकर और एक तरफ भगवान बुद्ध की भूमिस्पर्श मुद्रा की छवि है. मैकवान ने कहा कि हम इस साल आजादी के 75 साल भले ही मना रहे हैं, लेकिन अस्पृश्यता के मुद्दे पर अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है. सभी राजनीतिक दलों की सामूहिक विफलता है कि वे साढ़े सात दशक के बाद भी इस देश से अस्पृश्यता को खत्म नहीं कर पाए हैं. हरियाणा प्रशासन रैली को हरियाणा में प्रवेश नही होने देंगी, इसको रोकने की लिए हरियाणा बोर्डर को सील करने की तैयारियां की जा रही है.