Alwar News: राजस्थान के अलवर में पूर्व मंत्री नसरू खान ने मंगलवार को एक प्रेसवार्ता कर कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली, रामगढ़ विधायक साफिया खा और मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान पर जमीनों के कब्जे के आरोप लगाए हैं. इससे पहले नसरू खान द्वारा कब्रिस्तान की जमीन को खातेदारी में करने का मामला उठाया था. जिसमे एसडीएम और तहसीलदार की लापरवाही मानते हुए सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था. 


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पूर्व मंत्री नसरू खान ने एक बार फिर अलवर में जमीनों पर हो रहे कब्जों का मामला उठाया है, नसरू खान ने इस बार वर्तमान गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली पर अलवर बाईपास स्थित सदर थाने के पास की जमीन पर अवैध कब्जा कर गाड़ियों का फिटनेस सेंटर खुलवाया है, जो जूली के आदमी संचालित कर रहे हैं. इसमे सरकारी सड़क की 50 फिट जमीन पर कब्जा किया हुआ है. नसरू ने आरोप लगाया सारे प्रमाणित दस्तावेज उन्होंने विभागों से प्राप्त कर अधिकारियों को इसकी शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.


वहीं, नसरू खान ने प्रेसवार्ता में रामगढ़ विधायक साफिया खान और उनके पति मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन जुबेर खान पर भी सदर थाने के लिए अलॉट की गई 3 बीगा 4 बिस्वा जमीन में से एक बीगा दस बिस्वा पर कब्जा किए जाने के आरोप लगाए हैं. इस मामले में कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली और साफिया जुबेर खान ने कहा सारे आरोप निराधार हैं, वहीं जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने कहा मामले की जांच के लिए आरएएस अधिकारी श्वेता यादव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. जिसके द्वारा निष्पक्ष जांच की जा रही है.


नसरू खा लगातार एक के बाद एक खुलासे कर रहे है, कब्रिस्तान की जमीनों को खातेदारी में बदलने के मामले में सरकार ने तत्कालीन अलवर एसडीएम प्यारेलाल सौंठवाल और तहसीलदार कमल पचौरी को तो सस्पेंड कर दिया. लेकिन अभी भी इसमे लिप्त अन्य कई अधिकारी बचे हुए हैं, इस मामले में नसरू खान ने कहा कब्रिस्तान जमीनों का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया. तब दो अधिकारियों को सस्पेंड किया गया. लेकिन अभी इसमे शामिल अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.


इसके अलावा नसरू खान ने राज्य के कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली पर आरोप लगाया कि इन्होंने अपने अधिकार का गलत प्रयोग कर अपने चहेतों को उमरैण पंचायत समिति के ग्राम सावड़ी में हाई कोर्ट की स्टे के बावजूद दिल्ली के एक पार्टी मक्खन सिंह को जमीन आवंटित कर दी गई. जो हाइवे पर स्थित है, जिसकी वर्तमान लागत करीब 20 करोड़ रुपए से ज्यादा है. सबसे बड़ी बात है कि इस कमेटी में खुद कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली, उपखंड अधिकारी प्यारे लाल सोठवाल, तहसीलदार कमल पचौरी सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे. इस संबंध में भी उन्होंने अलवर जिला कलेक्टर को पूरी डिटेल दी थी. 


लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली, मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन जुबेर खान और उनकी विधायक पत्नी साफिया खान द्वारा जमीनों के बंदरबांट के मामले में राज्य सरकार ने राजस्व सचिव टी रविकांत के अध्यक्षता में जांच बैठाई थी , लेकिन 2 माह बाद भी अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला. पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि अगर सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की तो इस संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई जाएगी. अगले माह कांग्रेस के नेता राष्ट्रीय राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के अलवर आगमन पर उनके समक्ष यह मुद्दा उठाया जाएगा.


उन्होंने बताया कि मेव समाज की कब्रिस्तान की जमीन को भी मंत्री टीकाराम जूली के संरक्षण में उमरेन के पूर्व प्रधान के परिवार के नाम डिक्री कर दी गई. मेव समाज ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के अलवर आगमन पर आंदोलन की चेतावनी दी. इस मामले की जांच हुई जिसमें राज्य सरकार ने अलवर के उपखंड अधिकारी प्यारेलाल सौंठवाल एवं तहसीलदार कमल पचोरी को सस्पेंड कर दिया लेकिन पटवारी और कानूनगो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.


उन्होंने बताया कि विधायक साफिया खान और मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान द्वारा उपखंड रामगढ़ के गांव अग्यरा, ढाढोली,चक मीणापुरा , मीणा पुरा,रूंध धूनी नाथ, कमालपुर, सांखला सहित कई गांव में राज्य सरकार के आदेश से नगर विकास न्यास के नाम दर्ज भूमि पर अवैध बेचान पर प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और यह जमीन भी इन्होंने बंदरबांट कर दूसरे के नाम बेच दी थी. सरकार द्वारा इस मामले की जांच राजस्व सचिव टी रविकांत को दी लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है.


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