कलेक्टर कार्यालय में बहरोड के 48 परिवारों के लोगों ने न्याय दिलाने की गुहार लगाई, कही ये बात
अलवर जिला कलेक्टर कार्यालय में गुरूवार को बहरोड कस्बे के नैनसुख गांव के 48 परिवारों के लोगों ने न्याय दिलाने की गुहार लगाई.
Behror: अलवर जिला कलेक्टर कार्यालय में गुरूवार को बहरोड कस्बे के नैनसुख गांव के 48 परिवारों के लोगों ने न्याय दिलाने की गुहार लगाई. ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को हस्ताक्षरयुक्त मेजरनामा प्रस्तुत करते हुए इंदिरा आवास योजना के तहत प्रशासन की ओर से आवंटित भूखण्ड़ों के पट्टे दिलाने की मांग की. साथ ही मामले में जांच करा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवाज उठाई.
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कलेक्टर साहब न्याय करो का बैनर हाथ लिए करीब 50 के लगभग महिला और पुरुष जिला कलक्ट्रेट पहुंचे कुम्भकार (कुम्हार) समाज बहरोड के लोगों ने जिला कलेक्टर को मेजरनामा देते हुए तहसील कार्यालय बहरोड़ और स्थानीय निवासी अमर सिंह पुत्र प्रभुदयाल यादव के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की.
कुम्हार समाज के लोगों ने बताया बहरोड के मौहल्ला नैनसुख में हमारे बुजुर्गो को इंदिरा आवास योजना के तहत 1977 में बहरोड़ तहसील के नैनसुख क्षेत्र स्थित भूमि में भूखण्ड आवंटित किए गए. भूमि श्मशान के निकट होने के कारण बुजुर्गो द्वारा भूमि तबादला प्रार्थना पत्र तत्कालिन उपजिला कलक्टर बहरोड के समक्ष 11 अप्रेल 1977 को पेश किया गया. इस प्रार्थना पत्र के साथ ही स्थानीय निवासी प्रभुदयाल पुत्र उमराव यादव के द्वारा इंदिरा आवास योजना के लिए आवंटित भूमि का तबादला अपनी स्वयं की खातेदारी भूमि से करने का सहमति पत्र भी दिया गया.
भूमि तबादला से पूर्व तहसीलदार की रिपोर्ट से लेकर सरकार की अनुशंसा के साथ तैयार पत्रावलियों पर करीब एक वर्ष बाद 6 नवंबर 1978 को तत्कालिन जिला कलेक्टर द्वारा भूमि तबादला के आदेश दिए गए और भूमि के अदला-बदली के बाद से ही आराजी खसरा नम्बर 335 पर प्रभुदयाल पुत्र उमराव के वारिशान है और हमारे भूखण्ड तबादला में प्रभुदयाल द्वारा दी गई. भूमि 454 खसरा नम्बर 15 बिस्वा, 455 खसरा 1 बीधा पर इंदिरा आवास योजना के तहत आवंटित भूखण्डों पर 48 परिवार मकान बना रह रहे हैं. नल, बिजली कनेक्शन भी लगे हुए है.
बहरोड नगर पालिका गठन के बाद भूमि पालिका के अधीन है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में अपने आवंटित भूखण्डों का पट्टा लेने के लिए आवेदन किया तो तबादला भूमि पर कोर्ट स्थगन का नोट डाल आवेदन निरस्त कर दिए. लोगों ने जानकारी जुटाई तो पूरे मामले में तहसील कार्यालय और भूमि तबादला करने वाले प्रभुदयाल के वारिस अमरसिंह की फर्जकारी सामने आई.
आरोपी अमरसिंह पुत्र प्रभुदयाल द्वारा संवत् 2034 की जमाबंदी के आधार पर झूठा वाद दायर किया, जबकि संवत् 2036 की जमाबंदी में भूमि तबादला इंद्राज है. कलेक्टर कार्यालय पहुंचे कुम्हार समाज के लोगों ने अमर सिंह पुत्र प्रभुदयाल पर सरकार को धोखा देने और झूठा मुकदमा दायर करने का आरोपी ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ और तहसील कार्यालय में दस्तावेजों से हेराफेरी करने वालों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई. साथ ही प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे जारी करने की गुहार लगाई.