Kishangarh Bas: किशनगढ़बास कस्बे में पानी की निकासी नहीं होने और किले की प्राचीन खाईयों में कस्बेवासियों द्वारा अतिक्रमण कर पक्का निमार्ण किए जानें के बाद पूरा किशनगढ़बास कस्बा बरसात होते ही जलमग्न हो जाता है. कस्बे में हुई बरसात के बाद पूरा कस्बा जलमग्न हो गया. दुकानों और मकानों में पानी भर गया. 


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किशनगढ़बास कस्बे में पानी भरने की समस्या काफी वर्षों से चली आ रही है लेकिन इसका कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है, जिसके चलते बाजार में दुकानदारों और व्यापारियों की दुकानों में पानी भर जाता है, जिससे व्यापारियों को लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है, यहां पर जनप्रतिनिधि केवल चुनावी समय में लम्बी-लम्बी डीगें मारकर लोगों का वोट हासिल कर लेते है और उसके बाद इससे इतिश्री कर लेते है. 


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प्राचीन काल से किशनगढ़बास कस्बे के नाले-नालियों और बरसात का पानी प्राचीन किले की खाईयों में जाता रहा है लेकिन किशनगढ़ बास कस्बे की प्राचीन धरोहर कृष्णगढ़ किले की खाईयों में तत्कालीन जनप्रनिनिधियों नें अपने स्वार्थ के लिए अपने मिनसार और चहेतों को बेश कीमती खाईयों के पट्टे जारी कर दिए. 


उन्हीं की आड़ में अन्य लोगों ने भी नाजायज तरीके से अवैध निर्माण कर किले की खाईयों को विलुप्त कर दिया, जिसके चलते कस्बे के नालों और बरसात के पानी का रास्ता बन्द हो गया और पूरा पानी कस्बे में ही भरने लग गया, जिसके चलते नालों का गन्दा पानी और बरसात का पानी पूरी तरह से कस्बे के बाजार सहित घरों में भर जाता है. 


कस्बे में हुई बरसात के बाद दुकानदारों की दुकानों में पानी घुसनें के बाद उनके सब्र का बांध टूट गया. आखिरकार इसका जवाबदार है कौन? किशनगढ़बास की इन स्थाई समस्याओं की ओर से क्षेत्र के छोटे से लेकर बड़े जनप्रतिनिधियों ने अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली है और इन कस्बेवासियों को उनके हालातों पर छोड़ दिया है.


Reporter: Jugal Gandhi


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