Rajasthan News: अब आप मेडिकल स्टोर से मनमर्जी से एंटीबायोटिक दवा नहीं खरीद सकेंगें.मेडिकल स्टोर संचालक केवल पंजीकृत चिकित्सक के रिफरेंस के आधार पर ही मरीज को एंटीबायोटिक दवा दे सकेंगे.वहीं,संबंधित चिकित्सक को भी मरीज को एंटीबायोटिक दवा लिखने का उचित कारण बताना होगा.इसमें चिकित्सक को यह बताना जरूरी है कि मरीज के शरीर में कौन से जीवाणु का संक्रमण हुआ है.जिसके कारण उसे एंटीबायोटिक दवा दी जा रही है.


भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी 


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एंटीबायोटिक दवा के उपयोग को लेकर अभी हाल में भारत सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है.इसमें बताया गया है कि एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस तेजी से बढ़ रहा है. इससे आगामी समय में प्रभावी एंटीबायोटिक दवाएं भी असर करना बंद कर देंगी. एक अनुमान के अनुसार साल 2019 में 1.27 मिलियन वैश्विक मौतें ड्रग रेजिस्टेंस के कारण हुई है.जबकि 4.95 मिलियन मौत संक्रमण में एंटीबायोटिक दवाओं के असर नहीं करने से हुई है.


दवाओं की काउंटर बिक्री बंद करने को कहा


स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और देश की सभी मेडिकल व फार्मासिस्ट एसोसिएशन को एंटीबायोटिक दवाओं की काउंटर बिक्री बंद करने को कहा है.इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया गया है.इसमें एंटीबायोटिक दवाओं का अनावश्यक इस्तेमाल रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. 


वहीं,जानकारों के प्रचलित एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से इनका असर कम हो गया है और नई एंटीबायोटिक दवाएं अभी नहीं बन सकी हैं.ऐसे में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है.


एंटीबायोटिक दवा लिखते समय चिकित्सक को दवा के उपयोग का उचित कारण बताना होगा. इसको लेकर भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी की हैं. इसके साथ ही मेडिकल स्टोर संचालक भी बिना पंजीकृत चिकित्सक के रिफरेंस के मरीजों को एंटीबायोटिक दवा नहीं दे सकेंगे.


Reporter- Swadesh Kapil


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