एक श्राप और तबाह हो गया था 300 सालों से आबाद ये किला, अब है आत्माओं का डेरा

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किले से जुड़े कई रहस्य और कहानियां हैं. कहते हैं कि 300 सालों से आबाद ये किला महज एक सिरफिरे तांत्रिक के श्राप से तबाह हो गया था और अब यहां आत्माओं का डेरा है.

प्रतीक्षा मौर्या Tue, 17 Sep 2024-12:06 pm,
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भानगढ़ किला

कहते है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती बेहद खूबसूरत थी. उस समय उनके रूप की चर्चा पूरे राज्य में थी और देश के कोने-कोने के राजकुमार उनसे विवाह करने के इच्छुक थे. उस समय उनकी उम्र महज 18 वर्ष ही थी और उनका यौवन उनके रूप में और निखार ला चुका था. 

 

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भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती

उस समय कई राज्यों से उनके लिए विवाह के प्रस्ताव आ रहे थे. इस दौरान वो एक बार किले से अपनी सखियों के साथ बाजार में निकलती थीं. राजकुमारी रत्नावती एक इत्र की दुकान पर पहुंची और वो इत्रों को हाथों में लेकर उसकी खुशबू ले रही थी. उसी समय उस दुकान से कुछ ही दूरी सिंधु सेवड़ा नाम का व्यक्ति खड़ा होकर उन्हे बहुत ही गौर से देख रहा था. सिंधु सेवड़ा उसी राज्य में रहता था और वो काले जादू का महारथी था. 

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तांत्रिक सिंधु सेवड़ा

ऐसा बताया जाता है कि वो राजकुमारी के रूप का दिवाना था और उनसे प्रगाण प्रेम करता था. वो किसी भी तरह राजकुमारी को हासिल करना चाहता था. इसलिए उसने उस दुकान के पास आकर एक इत्र के बोतल जिसे रानी पसंद कर रही थी. उसने उस बोतल पर काला जादू कर दिया जो राजकुमारी के वशीकरण के लिए किया था, लेकिन एक विश्वसनीय व्यक्ति ने राजकुमारी को इस राज के बारे में बता दिया. 

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तांत्रिक की मौत

राजकुमारी रत्नावती ने उस इत्र के बोतल को उठाया, लेकिन उसे वही पास के एक पत्थर पर पटक दिया. पत्थर पर पटकते ही वो बोतल टूट गया और सारा इत्र उस पत्थर पर बिखर गया. इसके बाद से ही वो पत्थर फिसलते हुए उस तांत्रिक सिंधु सेवड़ा के पीछे चल पड़ा और तांत्रिक को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. 

 

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तांत्रिक का श्राप

मरने से पहले तांत्रिक ने श्राप दिया कि इस किले में रहने वाले सभी लोग जल्द ही मर जाएंगे और वो दोबारा जन्म नहीं ले सकेंगे और ताउम्र उनकी आत्माएं इस किले में भटकती रहेगी. उस तांत्रिक के मौत के कुछ दिनों के बाद ही भानगढ़ और अजबगढ़ के बीच युद्ध हुआ, जिसमें किले में रहने वाले सारे लोग मारे गए.

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