Alwar News:  तिजारा का ये भिवाड़ी है, जिसका दर्द ना जाने कोई, भिवाड़ी एक बहुत बड़ा औद्योगिक इलाका है, जो प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी उद्योग जगत से प्रसिद्ध है, सालाना करीब 10 हजार करोड़ का राजस्व भिवाड़ी से जाता है, लेकिन इतना राजस्व देने के बाद भी सरकार का कमाऊ पूत कहलाने वाला भिवाड़ी और भिवाड़ी के लोग अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं, भिवाड़ी के सिंह द्वार पर सड़के समुंदर का रूप ले चुकी हैं, जिसे रोकने में कई आईएएस, कई मंत्री, कई एमएलए फेल हो गए.अर्तिका शुक्ला जिला कलेक्टर ने इस मामले में बयान भी दिया है.


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 कुछ कंपनियां गंदा पानी रिको के नाले में छोड़ देती हैं


दरअसल भिवाड़ी में प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के चलते कुछ कंपनियां गंदा पानी रिको के नाले में छोड़ देती है,भिवाड़ी में लगे कम छमता सीईटीपी प्लांट इस गंदे पानी को ट्रीट नहीं कर पता,और गंदा पानी सड़को पर बहने लगता है,भिवाड़ी का पानी जब पड़ोसी राज्य हरियाणा में जाने लगा तो खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहारलाल खट्टर ने करीब 6 माह पहले राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर खड़े होकर रोड के दोनो साइड बड़े रैंप बनवा दिए. जिससे भिवाड़ी का गंदा और घरेलू पानी सड़को पर बहने लगा,करीब 6 माह के बाद कई कलेक्टर आए और आते ही गंदे पानी को लेकर बैठकों का दौर शुरू किया.लेकिन प्रशासन आज तक उस रैंप को नहीं हटवा पाए जिससे 6 माह से सड़के समुंदर बन गई.


कई महीने बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस


भिवाड़ी का बाईपास कभी लोगों की चहलकदमी से गुलजार होता था, लेकिन आज उस बाईपास पर लोगों का पैदल चलना भी दुभर हो चला है,तिजारा विधायक बाबा बालकनाथ ने खुद हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर से मुलाकात की और जल्द पानी के समाधान का आश्वासन दिया.लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है.


चारो तरफ सिर्फ दुकानों के बाहर ताले ही लटके हुए हैं


भिवाड़ी प्रशासन ने गगन चूमती इमारतों में गंदा पानी नहीं जाए उसके लिए अलवर भिवाड़ी मेगा हाइवे को दोनों साइड से ऊंची दीवार बनाकर हाइवे को बंद कर दिया था, लेकिन 6 माह बाद भी दोनों राज्यों के बीच खींची दीवार आज भी बरकरार है,बाईपास पर पहले गुलजार हुई दुकानें अब बंद हो चुकी हैं, चारो तरफ सिर्फ दुकानों के बाहर ताले ही लटके हुए है.


 बंद कमरे में बैठकर बैठकों का दौर चला रहे है.


पानी में हिम्मत करके अगर कोई वाहन चालक वहा से वाहन निकालने की सोच भी ले तो उन्हें अपनी गाड़ी ट्रैक्टर से बाहर निकलवानी पड़ती है, वाहन चालक इस गंदे पानी में गिरकर चोटिल हो रहे है, लेकिन अफसर बंद कमरे में बैठकर बैठकों का दौर चला रहे है.


इसको लेकर भिवाड़ी के कई औद्योगिक संगठनों ने कई बार इस समस्या की गुहार लगाई, लेकिन कही भी इस समस्या का स्थाई समाधान नही निकल पाया, हरियाणा सरकार और राजस्थान सरकार अब एक दूसरे के नाले में मिट्टी डालकर नाले को बंद करने का खेल खेल रही है. लेकिन इस खेल में स्थाई समाधान नही होने से जीत पड़ोसी राज्य हरियाणा की हो रही है,और राजस्थान सरकार फिर बैठको का दौर चलाने में लग जाता है.


 रिपोर्टर - कुलदीप मावर


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