Rajasthan Crime News:राजस्थान के मेवात इलाके में साइबर फ्रॉड करने वाले अपराधियों के खिलाफ लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. इसमें लिप्त अपराधियों की संपत्ति का ब्योरा एकत्रित किया जा रहा है.जिससे उनकी प्रॉपर्टी को जप्त करने की कार्रवाई की जा सके. 


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इस संबंध में अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि जिस तरीके से भरतपुर में ऑपरेशन एंटीवायरस चल रहा है. इस पैटर्न पर यह ऑपरेशन अलवर में चल रहा है. आईजी भरतपुर और जयपुर द्वारा मेवात के पुलिस अधीक्षकों की बैठक ली गई .जिसमें एक खाका तैयार किया गया कि किस तरीके से साइबर फ्रॉड करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके. 



उन्होंने बताया कि इसमें सॉफ्टवेयर है उसे सॉफ्टवेयर के आधार पर उनकी लाइव लोकेशन ट्रेस हो जाती है और उन्हें पकड़कर विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया जाता है. उस सॉफ्टवेयर से यह भी पता चल जाता है कि कौन सी सिम किन-किन राज्यों में काम कर रही है. और फ्रॉड करने में कहा कहा काम आई है. 



दूसरे राज्यों में वॉन्टेड अपराधियों को वहां के पुलिस अधीक्षक और थानेदार को पत्र लिखा जाता है और जो हमारे द्वारा गिरफ्तार अपराधी हैं .उनको उन राज्यों में भेज दिया जाता है.राजस्थान से बाहर जब कोई अपराधी दूसरे राज्यों की जेलों में जाता है. तो एक तो मोरली हरासमेंट होता है और फिर उसका इंफ्रास्ट्रक्चर भी टूट जाता है. अभी एक दिन पहले ही 6652 मोबाइल सिम सस्पेक्टेड का पता लगाया गया. जिनमें से 5500 मोबाइल सिम को ब्लॉक कराया गया. 


इस तरीके से अलवर पुलिस द्वारा करीब डेढ़ साल में 90000 मोबाइल सिम ब्लॉक कराई गई है .उन्होंने बताया कि अपराधी इस अपराध के दौरान जो भी व्हीकल यानी संसाधन उपयोग करता है. 



उसको जप्त किया जाता है .इसके अलावा सबसे बड़ा रोल प्राइवेट एटीएम का होता है. कुछ प्राइवेट एटीएम लगे हुए हैं . जो इनको सर्विस प्रोवाइड कराते हैं. डीजी स्तर पर बैंक अधिकारियों की बैठक ली गई .


जिसमें यह बात सामने आई की कुछ प्राइवेट एजेंसियों ने एटीएम खोले हुए हैं.जो साइबर फ्रॉड के काम आ रहे हैं. कि पैसा उसमें डलवाते हैं .और वहीं से पैसा निकाल लेते हैं तो बैंकों द्वारा ऐसे एटीएम को भी नोटिस जारी किया गया और जो इस मामले में लिप्त पाए गए हैं. 


उनको बंद करने कार्रवाई की जा रही है.इसमें इस बात की भी जानकारी की जा रही है कि जो बड़े साइबर फ्रॉडर हैं.वह युवाओं को किस तरीके से जोड़ रहे हैं. उसे नेटवर्क पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके अलावा साइबर फ्रॉड कर अर्जित की गई प्रॉपर्टी को भी चिन्हित कर जा रहा है .


उसके बाद उसकी अर्जित संपत्ति को सरकारी और कोर्ट के दायरे में लाकर एक रणनीति के तहत काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुलिस पूरी तरीके से काम कर रही है कि अलवर भरतपुर के मेवात इलाके से साइबर फ्रॉड करने वाले लोगों की कमर टूटे.  


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