Rajasthan Crime: अलवर शहर की राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय देवी जी की गली में एक 10वीं कक्षा की छात्रा को शिक्षक ने छत पर खड़े रहने की सजा दी. तेज धूप के चलते बच्ची को चक्कर आ गये और वह नीचे आ गिरी. जिसको 3 घंटे की देरी के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में हालत गम्भीर होने पर जयपुर रेफर किया गया.


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स्कूल प्रधानाचार्य का कहना कि बच्ची खुद कूदी है. जानकारी के अनुसार घायल बच्ची तुलसी की चाची मालती देवी ने बताया कि गुरुवार 26 सितंबर के दिन स्कूल से फोन आया कि आप की बच्ची छत से कूद गई है. जिसको जगन्नाथ डिस्पेंसरी में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है.



मौके पर परिजन पहुंचे तो बच्ची की कमर में फ्रैक्चर और पैर में गम्भीर चोटें आई थी. जब उन्होंने बच्ची से बातचीत करने का प्रयास किया तो पता लगा कि संगीता शिक्षक ने होमवर्क दिया था, लेकिन वह कर नहीं पाई. इस वजह से उसे स्कूल की छत पर धूप में खड़ा कर दिया गया. 



बच्ची ने बताया कि जहां उझे चक्कर आ गये. ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि बच्ची चक्कर आने की वजह से नीचे गिर गई. हालांकि बच्ची की चाची मालती का आरोप है कि उनका परिवार मजदूरी करके घर परिवार चलता है. घटना के समय वह घर पर नहीं थे. इसी वजह से बच्ची की दादी को हॉस्पिटल भेजा गया था, लेकिन स्कूल के लोगों ने बच्ची की दादी से पता नहीं किन-किन कागजों पर अंगूठा लगवा लिया.



अभी बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. जिसको अलवर से जयपुर रेफर कर दिया गया था. जिसकी वहां भी हालत गंभीर बनी हुई है. परिजनों का आरोप है कि स्कूल स्टाफ ने बच्ची की काफी देरी से सुध नहीं ली. जिसकी वजह से बच्ची की हालत ज्यादा खराब हो गयी.



स्कूल प्रधानाचार्य ने बताया कि कक्षा 10 की छात्रा जो पढ़ाई लिखाई में भी बहुत ज्यादा अच्छी थी, लेकिन कुछ दिन से बच्ची डिप्रेशन में चल रही थी. जिससे बात भी करना चाहा, लेकिन बच्ची से बातचीत नहीं हो पाई. 26 तारीख को बच्ची स्कूल थी. सुबह जब तीसरे पीरियड की घंटी बजी तो बच्ची खुद स्कूल की छत पर चढ़ गई. जब तक हम ओर हमारा स्टाफ पहुंच पाता तब तक बच्ची छत से नीचे कूद चुकी थी. जिसको स्कूल स्टाफ ने तत्काल प्रभाव से निजी सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.



उन्होंने कहा कि हालात को कमजोर बताते हुए जिला अस्पताल अलवर के लिए रेफर कर दिया गया. वहां भी बच्ची की हालत गम्भीर बनी हुई थी जिसको जयपुर रेफर का बोल दिया था. इसी बीच हमने काफी बार परिजनों से सम्पर्क करने का प्रयास किया.लेकिन परिजन काफी देरी से आये. उसके बाद बच्ची को जयपुर रेफर कर दिया गया.