राजगढ़- लक्ष्मणगढ़ : लंपी स्किन डिजीज को लेकर हुई वर्कशॉप, दी गई ग्रामीणों को जानकारी
लंपी स्किन डिजीज के फैलने के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में विस्तृत से जानकारी दी
Rajgarh-Laxmangarh: राजगढ़ पशुपालन विभाग की ओर से कस्बे के राजीविका कार्यालय परिसर में लंपी स्किन डिजीज को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यशाला में राजीविका में कार्यरत महिला पशु सखी व कृषि सखियों ने भाग लिया. कार्यशाला में करीब दौ सौ महिलाओं को लंपी स्किन डिजीज के बारे में जानकारी दी गई.
बीमारी की दी विस्तृत जानकारी
ब्लॉक वेटरनरी हेल्थ ऑफिसर डॉ मोहन लाल मीणा ने उपस्थित महिलाओं को वर्तमान में गौवंश में फैल रही लंपी स्किन डिजीज के फैलने के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में विस्तृत से जानकारी दी.गांव में इस बीमारी के बारे में व्यापक रूप से पशुपालकों एवं ग्रामीणों को जागरूक करने के बारे में बताया कि इस बीमारी से ग्रसित किसी भी पशु की जानकारी होने पर तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय में सूचना दे.मीणा ने कहा कि किसी बाहरी प्राइवेट चिकित्सक से बिना सूचना के अपने पशुओं का इलाज नहीं करवाएं.
साथ ही बताया कि पशु में बीमारी का पता चलते ही अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय में सूचना दें. जिससे कि बीमार पशुओं का उपचार सही समय पर किया जा सके. वहीं पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ शैलेंद्र गुप्ता ने बीमारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह रोग मच्छरों, मक्खियों और जू के साथ पशुओं की लार तथा दूषित जल और भोजन के माध्यम से एक-दूसरे पशु में फैलता है.
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इस बीमारी में पशु के बुखार, लार, आंखों और नाक से सवण, वजन घटना, दूध उत्पादन में गिरावट, पूरे शरीर पर कुछ या कई कठोर और दर्दनाक गांठ के रूप में दिखाई देते हैं. त्वचा के घाव कई दिनों या महीनों तक बने रह सकते हैं. क्षेत्रीय लिंफ नोड्स सूज जाते हैं और कभी-कभी उदर और छाती के आसपास सूजन विकसित हो सकती है. कुछ मामलों में यह नर और मादा में लंगड़ापन, निमोनिया, गर्भपात और बांझपन का कारण बन सकता है.
इस अवसर पर राजीविका के परियोजना प्रबंधक निखिल मंडोलिया, कलस्टर मैनेजर सुधा शर्मा एवं एलआरपी एवं एआरपी मौजूद रहे.
Reporter: Jugal Kishor
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