Alwar: बारिश में खुली रामगढ़ नगर पालिका की पोल, लोगों का हाल हुआ बेहाल
अलवर के रामगढ़ में कहने को तो नगरपालिका सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च करती है, लेकिन सफाई बस कागजों में होती है.
Alwar: अलवर के रामगढ़ में नगरपालिका घोटालों के मामले में सबसे आगे है, लेकिन सफाई व्यवस्था में सबसे पीछे है. महज 1 घंटे की बारिश ने नगरपालिका की सफाई व्यवस्था की पोल खोल के रख दी, बारिश के चलते पूरा कस्बा तालाब में तब्दील हो गया. मानसून की बेरुखी के कारण सितंबर महीने में भी भीषण गर्मी पड़ रही थी, लेकिन 2 दिन से रामगढ़ कस्बे में इंद्रदेव मेहरबान हो रहें हैं, लेकिन एक घंटे की बारिश ने ही रामगढ़ कस्बे की गली मोहल्लों को तालाब में तब्दील कर दिया.
कस्बे के बड़े नालों की सफाई ना होने के कारण बरसात का पानी गली मोहल्लों में भरना शुरू हो गया. कहने को तो नगरपालिका सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च करती है, लेकिन सफाई बस कागजों में होती है. नगरपालिका कस्बे के नालों की सफाई करा देती, तो रामगढ़ कस्बे में गली मोहल्लों में गंदे पानी भरने की समस्या उत्पन्न नहीं होती, लेकिन नगरपालिका भ्रष्टाचारी में लिप्त हो चुकी है. कभी डस्टबिन के घोटाले सामने आते हैं, तो कभी सफाई व्यवस्था में नगर पालिका की पोल खुलती है.
कस्बे के लोगों का तो कहना है कि क्या फायदा ऐसी नगरपालिका का जो कस्बे में सुविधा नहीं कर पाई इससे तो बढ़िया ग्राम पंचायत थी. कस्बे की हालत यह हो चुकी है कि हल्की सी बारिश में कस्बे में गली मोहल्लों में पानी लबालब भर जाता है. बारिश रुकने के बाद तो कस्बे की हालत इतनी खराब हो गई कि लोगों को घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया, क्योंकि गली मोहल्लों में पानी लबालब भर गया. स्कूली बच्चों को गंदे पानी में से होकर निकलना पड़ा, ज्यादातर बच्चों की गंदे पानी में से निकलते वक्त ड्रेस तक गंदी हो गई. रामगढ़ कस्बा तो राम भरोसे चल रहा है, क्योंकि नगरपालिका के अधिकारी विकास के नाम पर चुप्पी साधे बैठे हैं.
दुकानदार बृजमोहन सोनी ने बताया कि 1 घंटे की बारिश से ही कस्बे की गली मोहल्ले बरसात के पानी से लबालब हो गई इसका मुख्य कारण है, कि नगरपालिका की सफाई व्यवस्था सफाई व्यवस्था फेल हो चुकी है. 2 वर्ष हो गए नगरपालिका को बने लेकिन नगरपालिका ने नालो कि एक बार भी सुध नहीं ली. नगर पालिका बिल्कुल भ्रष्ट हो चुकी है, डस्टबिन और हाई मास्क लाइट घोटाले करने के अलावा नगर पालिका के पास और काम नहीं है. नगरपालिका बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि कस्बे में चार चांद लगेंगे लेकिन कस्बा तो बिल्कुल ही नर्क बनता जा रहा है.
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