मुंडावर: फिसलन भरी मिट्टी ने बढ़ाई स्कूली बच्चों की परेशानी, जिम्मेदारों पर उठ रहे सवाल
अलवर जिले के शाहजहांपुर कस्बे में बरसात के मौसम में आम रास्तों पर पानी भरने से राहगीरों को आवागमन में परेशानी होना स्वभाविक है.
Mundawar: अलवर जिले के शाहजहांपुर कस्बे में बरसात के मौसम में आम रास्तों पर पानी भरने से राहगीरों को आवागमन में परेशानी होना स्वभाविक है पर भुनगड़ा अहीर में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के सामने के रास्ते पर चिकनी फिसलन भरी कीचड़ होने से पैदल निकलना तो दूर बाईक सवारों को भी निकल पाना चुनोती भरा कदम साबित हो रहा है.
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जिले के शाहजहांपुर कस्बे के भुनगड़ा अहीर में स्कूली मार्ग पर फिसलन भरा कीचड़ ने स्कूली बच्चों की मुश्किल बढ़ाड़ी है, जिससे आमजन को भी परेशानी हो रही है स्कूली मार्ग पर सीसी सड़क निर्मित थी. नालियों के पानी भराव की समस्या रास्ते पर जरूर थी. नालियों के पानी निकासी की समस्या के निराकरण को लेकर स्थानीय ग्रामपंचायत द्वारा इस मार्ग पर सीवर लाईन करीब दो माह पूर्व डलवाई गई.
सीवर लाईन दबाने के दौरान जमीन की चिकनी मिट्टी जो बाहर निकली थी उसे पाईपों को दबाने के लिए डाली गई। ग्राम पंचायत द्वारा सीवर लाईन डालने के बाद इस मार्ग पर पक्की सड़क बनाने की बजाए कार्य को ज्यों कि त्यों छोड़ दिया गया. बरसात के मौसम में मार्ग से गुजरते वाहनों से चिकनी मिट्टी पूरी तरह पानी मे घुलकर पूरे मार्ग पर जमा हो गई. इस मार्ग से गुजरते दुपहिया वाहन चालक ही नही कार चालक भी खासी मुशीबत से गुजरते हैं.
स्कूली बच्चों को परिजनों द्वारा बाईक से भी बमुश्किल विद्यालय तक छोडा जा रहा है. अधिकतर स्कूली बच्चे कीचड़ में गिरने के भय से स्कूल जाना ही छोड़े हुए हैं. यह मार्ग खोहरी गांव का भी मुख्य मार्ग है. खोहरी गांव के ग्रामीणों को भुनगड़ा अहीर आने के लिए एक किलोमीटर की बजाय 4 किलो मीटर की दूरी घूम कर आना पड़ रहा है.
खोहरी निवासी पूर्व सरपंच रामपत यादव, उपसरपंच प्रतिनिधि अशोक यादव, पूर्व पंच सुबेसिंह यादव, कृष्ण यादव, करणसिंह अमीन, गजेंद्र यादव सहित ने मार्ग पर फैले कीचड़ से निजात दिलाने के लिए पत्थरों का मलबा डलवाने की ग्रामपंचायत से मांग की है. साथ ही स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य अभयसिंह यादव का कहना है कि स्कूली बच्चों की परेशानी को लेकर स्थानीय सरपंच व ग्रामीणों को समाधन कराने को कहा गया है. समस्या का निराकरण नहीं हो पाने से खोहरी और भुनगड़ा से आने वाले स्कूली बच्चों को बड़ी मुशीबत बनी हुई है.