Rajmata tigress st 2  dies in Sariska paid tribute :  सरिस्का टाइगर रिजर्व अभ्यारण की राजमाता और उम्र दराज बाघिन एसटी 2 की मौत की सूचना के बाद आज सुबह राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा सरिस्का पहुंचे.


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इस मौके पर सरिस्का के क्षेत्रीय निदेशक आरएन मीणा ,डीएफओ डीपी जागावत सहित अन्य वन अधिकारी मौजूद थे. और उन्होंने बाघिन की मौत के संबंध में जानकारी ली. जिसे एनक्लोजर में इस बाघिन की मौत हुई है. वहां वन अधिकारियों के साथ वन मंत्री पहुंचे.


उसके बाद उसे सरिस्का के ऑफिस लाया गया. जहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम किया गया. राजस्थान सरकार के वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि वर्ष 2008 में इस बाघिन को लाया गया था. जो राजमाता के नाम से प्रचलित और प्रसिद्ध थी.


बताया जाता है कि अनुमान एक टाइगर की उम्र 14 या 15 साल होती है .लेकिन यह साढ़े 19 साल की उम्र में इसका निधन हुआ है क्योंकि जिस बाघिन ने सरिस्का को आबाद किया. तभी मेरे मन में विचार आया कि सरिस्का पहुंचकर बाघिन ST 2 को श्रद्धांजलि देने के लिए सरिस्का चलना चाहिए. 


यहां पर एंक्लोजर में जाकर जानकारी ली. अक्सर यह देखा जाता है कि जैसे रणथंबोर में कोई टाइगर घायल होता है. तो उसको एंक्लोजर में नहीं रखते. खुले में छोड़ देते हैं .के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक तो इसकी उम्र सबसे ज्यादा थी और अगर इसको एंक्लोजर में नहीं रखते हैंतो भोजन और पानी के अभाव में यह ज्यादा दूर नहीं जा पाती और हो सकता है कि पहले ही इसकी मौत हो जाती.


जिस तरीके से हम अपने घर में बुजुर्गों का ध्यान रखते हैं. उसी तरीके से बनकर्मियों ने एंक्लोजर में इस टाइगर का ध्यान रखा. देखा कि वर्ष 2008 में जब इस टाइगर को लाया गया था. उस वक्त के वनरक्षक भी भावुक हो गए थे. यह सबसे बड़ी बात है कि इस टाइगर से सरिस्का के कर्मचारियों का जुड़ाव हुआ. टाइगर की मॉनिटरिंग को लेकर उन्होंने कहा कि टाइगर की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जानी चाहिए.


बाघ एसटी 13 की मिसिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता है की सरिस्का को आबाद रखा जाए और यहां बाघों की संख्या बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि सरिस्का में और बाघ लाने के लिए और बात करेंगे .रणथंभौर से या मध्य प्रदेश या महाराष्ट्र से मेल टाइगर लाया जाए. जिससे और उसे इसका यहां आबाद हो.


उन्होंने बताया कि सरिस्का में काम करने वाले वन कर्मियों का यह डिफिकल्ट टास्क है और इस जंगल में मॉनिटरिंग पूरी तरीके से कर रहे हैं.मुख्य रूप से यहां टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कार्य किए जाने चाहिए. टहला में जमीनों पर कब्जा के मामलों में उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


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इधर सरिस्का के क्षेत्रीय निदेशक आरएन मीणा ने बताया कि सरिस्का में 30 में से 25 टाइगर इसी बाघिन के हैं. इसका शाही नेचर था. साइटिंग कम देती थी और संभवत देश में यह सबसे उम्र दराज बाघिन थी. जिसके पूछ के साथ-साथ पैर में भी परेशानी थी. नियमित रूप से पशु चिकित्सकों की देखरेख में इसका उपचार किया जा रहा था. बाघिन 13 के मिसिंग सवाल पर उन्होंने कहा कि उसका अभी कोई पता नही चला है. हो सकता है उसकी प्राकृतिक मृत्यु हो गई हो.


इस बाघिन की सुरक्षा में लगे वनकर्मी ने बताया कि करीब 13 माह से यह बाघिन एंक्लोजर में थी. जो अपनी बीमारी को लेकर संघर्ष कर रही थी. और इसी ने ही इस सरिस्का के जंगल को आबाद किया है. इसके पूंछ में घाव हो गया था. जिसका इलाज चल रहा था. लेकिन पूंछ का घाव सही नहीं हो पा रहा था.


इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी. खाने पीने की व्यवस्था भी .इसी एंक्लोजर में की जा रही थी .यह बाघिन पहले काफी घूम रही थी लेकिन इसका धीरे-धीरे मोमेंट कम होने लगा. मंगलवार को दोपहर 3 बजे जब इसका मोमेंट होता नहीं देखा. इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी. उसके बाद एंक्लोजर में जाकर देखा तो इसकी मौत हो चुकी थी.