कर्जा उतारने के लिए घोंट डाला दोस्त के ही 2 बच्चों का गला, तीसरे को मरा समझ छोड़ भाग गए आरोपी
भिवाड़ी के सांथलका से एक सब्जी बेचने वाले ज्ञान चन्द नाम के व्यक्ति के तीन बच्चे घर से लापता हो गए थे. परिजनों ने पुलिस को भी जानकारी दी. अपने स्तर पर भी तलाश किया लेकिन बच्चों का पता नहीं चला. आरोपियों ने ने मिलकर ज्ञान सिंह के बच्चों के अपहरण का प्लान बनाया और 15 तारीख को उसको अंजाम दे डाला.
Tijara: भिवाड़ी से तीन दिन पूर्व लापता हुए 3 बच्चों में से दो के शव पुलिस ने दिल्ली से बरामद कर लिए हैं. वहीं, एक बच्चा किस्मत से अपनी जान बचा पाया, जिसे दिल्ली के एक चाइल्ड होम में रखा गया है. पुलिस ने अपहरण और हत्या के मामले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
दोनों आरोपी बच्चों को विश्वास में लेकर बरगला कर ले गए थे. दोनों ही आरोपी उनके पिता के दोस्त थे, जो भिवाड़ी में ही बच्चों के पिता के साथ रहते थे. आठ लाख की फिरौती के लिए मासूम बच्चों का कत्ल कर दिया गया.
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शनिवार को भिवाड़ी के सांथलका से एक सब्जी बेचने वाले ज्ञान चन्द नाम के व्यक्ति के तीन बच्चे घर से लापता हो गए थे. परिजनों ने पुलिस को भी जानकारी दी. अपने स्तर पर भी तलाश किया लेकिन बच्चों का पता नहीं चला. रविवार को पिता ने बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई लेकिन पुलिस बच्चो को तलाश कर पाती, उससे पहले परिजनों के पास बच्चों के चाचा के पास बच्चों के अपहरण और फिरौती के लिए फोन आया. पुलिस कॉल डिटेल के आधार पर आरोपियों तक पहुंची और सख्ती से पूछताछ की.
पुलिस ने हिरासत में लिए गए महावीर और मंजा की निशानदेही पर दिल्ली से दो बच्चों के शव बरामद कर लिए, वहीं, एक बच्चे को आरोपी मरा हुआ समझ कर छोड़ आये थे, जो सकुशल है.
ऐसे बनाया आरोपियों ने प्लान
बिहार के रहने वाले महावीर और मंजा कुमार दोनों ही बच्चों के पिता ज्ञान सिंह के साथ मुकुट कॉलोनी में ही किराए का कमरा लेकर रहते थे. दोनों ही गांजा और शराब के आदी थे. इन पर 8 से 10 लाख रुपये का कर्जा बताया जाता है एवं दोनों ने ही बिहार में कुछ जमीन खरीदी थी, उसका भी कर्जा था, उस कर्ज को उतारने के लिए दोनों ने मिलकर ज्ञान सिंह के बच्चों के अपहरण का प्लान बनाया और 15 तारीख को उसको अंजाम दे डाला क्योंकि बच्चे दोनों ही आरोपियों को अच्छे से पहचानते थे इसलिए तीनों बच्चे उनके झांसे में आकर उनके साथ चले गए.
सूत्रों के अनुसार, 15 अक्टूबर को ही दोनों ही बच्चों को उन्होंने मौत के घाट उतार दिया एवं 17 अक्टूबर को उन्होंने बच्चों के चाचा राधा कृष्ण के पास 8 लाख की फिरौती के लिए फोन किया. पुलिस ने जिस नंबर से फिरौती का कॉल आया था. उस नंबर को ट्रेसिंग पर डाला और उसी के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई.
राहगीर को आपबीती बताई
फिलहाल पुलिस ने बिहार के रहने वाले महावीर और मंजा कुमार को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे कड़ाई से पूछताछ की जा रही है, आरोपियों ने सबसे छोटे बच्चे शिवा को भी मरा हुआ समझकर यमुना पार पटक दिया था लेकिन वह बच्चा किस्मत से बच गया और उसने रोड पर आकर वहां चलते राहगीर को आपबीती बताई. मामला पुलिस तक पहुंचा और पुलिस ने बच्चे को अपने कब्जे में लेकर लाजपत नगर के चाइल्ड होम केयर में भर्ती करा दिया. फिलहाल 8 वर्षीय शिवा सकुशल है और पुलिस ने उसे उसके मां-बाप के सुपुर्द कर दिया है. मंगलवार को बच्चों का पोस्टमार्टम नहीं होने की वजह से भिवाड़ी पुलिस उनको भिवाड़ी लेकर नहीं आ सकी.
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अब बुधवार सुबह दिल्ली में एम्स में दोनों ही बच्चों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. पोस्टमार्टम कराने के बाद ही दोनों बच्चों के शवों को भिवाड़ी लाया जाएगा. फिलहाल भिवाड़ी पुलिस डीएसपी जसवीर मीणा, यूआईटी फेज थर्ड थानाधिकारी मुकेश कुमार मय पुलिस टीम के पूरे मामले की छानबीन एवं बच्चों के शवों को भिवाड़ी लाने के लिए दिल्ली में मौजूद है.
Reporter- Jugal Kishor