Tijara: भिवाड़ी की भगत सिंह कॉलोनी में एक प्राइवेट वाईफाई इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी की केबल बिछाते समय एक युवक हाईटेंशन बिजली की लाइन से छू गया, जिससे उसकी झुलसने से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. आनन-फानन में युवक को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. सरकारी अस्पताल में लाकर युवक के शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है. 


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भिवाड़ी की भगत सिंह कॉलोनी में सुबह 10:00 बजे वाईफाई की केबल लगाते समय एक युवक की बिजली की हाईटेंशन लाइन से छू जाने के कारण दर्दनाक मौत हो गई.  मृतक युवक वाईफाई का काम करने वाली ओरियान कंपनी के लिए गत 2 महीने से काम कर रहा था. सुबह 9:00 बजे वह घर से ड्यूटी पर गया और 10:00 बजे भगत सिंह कॉलोनी में वाईफाई की केबल बिछाने का काम कर रहा था. इसी दौरान बिजली के पोल पर वाईफाई की केबल लगाते समय केबल हाईटेंशन लाइन को छू गई और उसमें करंट दौड़ गया. करंट लगने से मृतक का बाया हाथ पूरी तरह से झुलस गया. 


भिवाड़ी फूलबाग थाना के सब इंस्पेक्टर रमाशंकर ने बताया कि नीलम चौक पर रहने वाले 20 वर्षीय विकास पुत्र नागेश्वर सुबह 9:00 बजे वाईफाई का काम करने वाली ओरियान कंपनी के लिए काम करने के लिए भगत सिंह कॉलोनी में गया था. वहां पर केबल बिछाते समय हाईटेंशन लाइन का करंट लगने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई. करंट की सूचना लगते ही लोगों ने घायल युवक विकास को भगत सिंह कॉलोनी में स्थित ओम हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बाद में परिजन मृतक के शव को भिवाड़ी के सरकारी अस्पताल में लेकर आए, जहां पर परिजनों की मौजूदगी में मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. 


मृतक के पिता नागेश्वर राजपूत ने बताया कि वह नटराज कंपनी में काम करते हैं और उनका 20 वर्षीय बेटा विकास वाईफाई का काम करने वाली ओरियान कंपनी में वाईफाई की केबल बिछाने का काम करता था. सुबह 9:00 बजे उसके पास किसी का फोन आया और वह ड्यूटी पर चला गया. 10:00 बजे उसके साथ यह दुर्घटना होने की खबर मिली तो वह सन्न रह गए. 


मृतक विकास के साथ काम करने वाले अन्य साथियों ने बताया कि कंपनी की तरफ से काम करते समय उनको सेफ्टी टूल नहीं दिए जाते हैं. वाईफाई की केबल ज्यादातर हाईटेंशन बिजली की लाइनों के खंभों पर बिछाई जाती हैं. बिजली के खंभों पर चढ़ते समय सिक्योरिटी परपज से जूते और हैंड ग्लव्स और हेलमेट होना अनिवार्य होता है, लेकिन कंपनी की तरफ से उन्हें कोई सेफ्टी टूल उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं. कंपनी की इसी लापरवाही की वजह से आज विकास मौत हो गई. अस्पताल में मृतक विकास के पिता और मां का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है. मृतक विकास की मां बार-बार बेसुध होकर गिर जाती है और बार-बार अपने बेटे विकास का नाम लेकर पुकार रही है. 


नागेश्वर अपनी पत्नी और बेटे विकास के साथ गत 6 सालों से भिवाड़ी में रह रहे थे, उनके तीन बेटे हैं. दो बड़े बेटे बिहार छपरा में रहते हैं और यह उनका सबसे छोटा बेटा था, जो उनके साथ भिवाड़ी में रहकर काम कर रहा था. 


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