6 Thousand companies closed: अक्टूबर से दिल्ली सहित एनसीआर में लगने वाले ग्रेप ( GRAP ) के नियमों का भिवाडी के औद्योगिक संगठन बीआईआईए ( BIIA ) ने विरोध करना शुरू कर दिया है. इसके तहत संगठन के पदाधिकारियों ने शनिवार को बीड़ा सीओ रोहिताश तोमर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान बड़ी संख्या में उद्योगपति शामिल रहे साथ ही काला कानून वापस लो के नारे लगाए गए.


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भिवाड़ी में औद्योगिक इकाइयों के संगठन बीआईआईए ने 1 अक्टूबर से लगने वाले ग्रेप के नियमों के विरोध में बीड़ा कार्यालय पर पहुंचकर बीड़ा सीईओ को ज्ञापन दिया, इस दौरान बीआईआईए के सभी पदाधिकारी और बड़ी संख्या में उद्योगपति शामिल रहे.


डीजी सेट पर पाबंदी लग जाएगी


बीआईआईए के अध्यक्ष प्रवीण लांबा ने बताया कि 1 तारीख से ग्रेप के नियम लागू होने जा रहे हैं, जिसको लेकर भिवाड़ी के उद्योगपतियों में खासी चिंता बनी हुई है, क्योंकि ग्रेप के नियमों के अनुसार अगर AQI का स्तर 300 के ऊपर जाता है तो डीजी सेट पर पूर्ण रूप से पाबंदी लग जाएगी. भिवाड़ी के अंदर करीब 6000 कंपनिया संचालित हैं, जिनमें लगभग सभी में छोटे या बड़े डीजी सेट लगे हुए हैं, इनमें से बहुत सी इकाईयां ऐसी हैं जो रेगुलर प्रोसेस करने वाली हैं. उनमें अगर प्रोसेसिंग बंद होती है तो लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है.



बिजली मुहैया नहीं कराई जा रही 


सरकार की तरफ से उद्योगों को ना तो पूरी बिजली मुहैया कराई जा रही है और ग्रेप के नियमों के हिसाब से डीजी सेट पर पाबंदी लगाई जा रही है. इससे औद्योगिक इकाइयों पर भारी संकट आन खड़ा हुआ है. उद्योगपतियों की इसी समस्या को राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए बीआईआईए के सभी पदाधिकारियों एवं उद्योगपतियों ने बीड़ा सीओ को ज्ञापन सौंपा साथ ही उद्योगपतियों की समस्याओं का निराकरण कराने की मांग की है.


वहीं. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आरओ अमित शर्मा ने बताया कि उनका काम सरकार के द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन करवाना है जैसा सरकार की तरफ से आदेश आएगा हम उसी का पालन करवाएंगे. फिलहाल ग्रेप के नियमों के हिसाब से ही उद्योग इकाइयों को संचालित करने की छूट दी जाएगी आगे जैसे भी नियम आएंगे उसी हिसाब से कार्य किया जाएगा.


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