Ramgarh, Alwar: सामुदायिक स्वास्थ केंद्र गोविंदगढ़ देर रात एक महिला को प्रसव के लिए लेकर आए पति को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. यहां नर्सिंग स्टाफ बेपरवाह गहरी नींद में सोता रहा. और महिला दर्द से कहराती रही. आखिर पति ने ही जनरल वार्ड में अपने हाथों से पत्नी की डिलीवरी कराई .


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राजस्थान सरकार द्वारा आमजन को रात पहुंचाने के लिए चिरंजीवी योजना चलाई. लेकिन इसका लाभ कितना आमजन को मिल रहा है. चिकित्सा विभाग कितना जागरूक है इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.


मामला अलवर के गोविंदगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां सिरमौर गांव निवासी रिंकू अपनी पत्नी रजनी को प्रसव पीड़ा होने के चलते रात को करीब 2:30 सीएचसी गोविंदगढ़ लेकर पहुंचा. पर ड्यूटी पर किसी के न मिलने पर वह पत्नी को जनरल वार्ड में लेकर गया. उसकी पत्नी दर्द से चिल्ला रही थी. तब भी कोई नर्सिंग कर्मी नहीं आया, तो पति ने स्वयं अपनी पत्नी की डिलीवरी कराई.


उसके बाद सीएचसी में जोर-जोर से चिल्लाने पर नर्स बाहर निकल कर आईं उसने बच्चे की नाड़ काट कर आगे का काम किया. लापरवाही इस कदर की इस मामले में जच्चा ओर बच्चा की जान भी जा सकती थी. प्रसूता के पति रिंकू ने बताया रात को करीब 2:00 से 3:00 बजे अपनी पत्नी रजनी को मोटरसाइकिल पर लेकर हॉस्पिटल आ गया था. पहले मैं जनाना वार्ड में गया. लेकिन वहां पर कोई नहीं था. फिर उसके बाद वह अपनी पत्नी को जनरल वार्ड में लेकर आया तो देखा कि जनरल वार्ड में भी ड्यूटी पर कोई नहीं था. कुछ देर बाद जब पत्नी की डिलीवरी हो गई. तब उसकी सूचना के बाद सभी लोग भागे-भागे आए.


इस मामले में तहसीलदार विनोद कुमार मीणा ने बताया प्रथम दृष्टया लापरवाही है. जबकि प्रसव के लिए यहां एक नर्स मौजूद थीं जो लेबर रूम में सो रही थी. और अन्य नर्सिंग कर्मी भी थे. लेकिन ध्यान न देना बड़ी लापरवाही है. इसमे पूरी जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी.