Rajasthan Election 2023: राजस्थान में जलदाय मंत्री महेश जोशी का टिकट कटने के पीछे एक गजब का संयोग देखने को मिला है. राजस्थान में हुए पिछले तीन विधानसभा चुनावों में जलदाय मंत्रियों का टिकट कटा ही है. तीन चुनावों में जो भी विधायक जलदाय मंत्री बना, उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिला. आखिर प्रदेश को पानी पिलाने वाले जलदाय मंत्रियों को सियासी पानी का क्यों मौका नहीं मिला.


धारीवाल को टिकट, लेकिन जोशी का कटा


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राजस्थान सियासी पारा सातवें आसमान पर है. अब हर किसी के जहन में यही चल रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में किसकी सरकार बनेगी. लेकिन पूरे प्रदेश में चर्चा ये भी है कि 25 सितंबर की घटना के बाद में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को तो पार्टी ने टिकट दे दिया, लेकिन जलदाय मंत्री महेश जोशी का टिकट काट दिया. दरअसल इसके लिए गजब के संयोग देखे जा रहे है. राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनावों में जो भी जलदाय मंत्री बना,उनका अगले चुनावों में टिकट कटा है.


2008 -भंवरी कांड के बाद महिपाल मदेरणा


2008 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी.उस समय महिपाल मदेरणा को जलदाय मंत्री बनाया गया.लेकिन भंवरी देवी हत्याकांड में वर्ष 2011 में महिलापाल मदेरणा जेल गए. देशभर में चर्चा में रहने वाला यह कांड टिकट कटने का बड़ा कारण बना.


2013 -साम्प्रदायिक दंगे


2013 में बीजेपी सरकार बनी,जिसमें सुरेंद्र गोयल को जलदाय महकमा दिया गया. लेकिन सुरेंद्र गोयल का 2018 में भाजपा ने टिकट काट दिया. माना गया कि जैतारण में हुए दंगों को रोकने में गोयल कामयाब नहीं हुए, जिस कारण उनका टिकट काटा गया.


2018 - भ्रष्टाचार के आरोप


2018 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनी.ढाई साल बाद महेश जोशी को जलदाय विभाग की जिम्मेदारी दी गई. सरकार में जलदाय मंत्री बने महेश जोशी का कांग्रेस ने 2023 यानि इन्ही विधानसभा चुनावों में टिकट काटा.जलदाय विभाग में करोड़ों के काम में दिए गए ठेकों में भ्रष्टाचार को रोक नहीं पाए.ईडी सक्रिय है और महेश जोशी भी जांच के दायरे में हैं.


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