Virendra Singh vs Reeta Singh: कहते हैं प्यार और जंग में सब जायज है, लेकिन जब प्यार ही जंग में उतर आए तो क्या कहा जाए? कुछ ऐसी ही तस्वीर राजस्थान के दांतारामगढ़ से सामने आ रही है. जहां मियां और बीवी चुनावी जंग में एक दूसरे के सामने उतर गए हैं, लिहाजा ऐसे में जनता इस पशोपेश में है कि आखिर किसका साथ दें और किसको मात दें.


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दरअसल सीकर जिले की दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर जहां कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायक वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है तो वहीं उनके सामने जेजेपी ने उन्हें की पत्नी रीता सिंह को टिकट दिया ऐसे में यह जंग बेहद दिलचस्प हो गई है.


कौन है वीरेंद्र सिंह


वीरेंद्र सिंह के पिता नारायण सिंह कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सात बार के विधायक रह चुके हैं. इस क्षेत्र में नारायण सिंह की अच्छी पकड़ मानी जाती है. पिछली बार कांग्रेस ने उनके पुत्र वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया था, जिसमें वीरेंद्र को जीत हासिल हुई थी. उससे पहले वीरेंद्र प्रधान भी रह चुके हैं.


कौन है रीता सिंह


वहीं रीता सिंह कांग्रेस से ही सीकर की जिला प्रमुख रही हैं. पिछले काफी वक्त से दोनों की राहे जुदा हो चुकी हैं. रीता सिंह भी कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रही थी, लेकिन अचानक पिछले दिनों उन्होंने जेपी का दामन थाम लिया और पार्टी ने उन्हें महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया. 


गौरतलब है कि दांतारामगढ़ जाट बाहुल्य इलाका माना जाता है, लिहाजा ऐसे में कई दशकों से जेजेपी की इस सीट पर नजर है. इसी सीट से भाजपा के दिग्गज नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत भी चुनाव लड़ चुके हैं. अब इस सीट पर मुकाबला और रोचक हो गया है.


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