Rajasthan: जयपुर की 9 में से इन 3 सीटों पर जबरदस्त घमासान! क्या सरकारी स्कीम पर भारी पड़ेगा हिंदुत्व का मुद्दा?
जयपुर की जंग का दोनो पार्टियों के बीच घमासान शुरू हो गया है.विधानसभा चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस के लिए जयपुर को जीतना चुनौती होगा.क्योकि जयपुर की जंग में दोनो ही पार्टियां अपनों से तंग है.आखिर कांग्रेस और बीजेपी जयपुर को जीतने के किसके भरोसे है.देखिए इस रिपोर्ट में! हिंद
Rajasthan Election 2023: जयपुर की जंग का दोनो पार्टियों के बीच घमासान शुरू हो गया है.विधानसभा चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस के लिए जयपुर को जीतना चुनौती होगा.क्योकि जयपुर की जंग में दोनो ही पार्टियां अपनों से तंग है.आखिर कांग्रेस और बीजेपी जयपुर को जीतने के किसके भरोसे है.देखिए इस रिपोर्ट में!
हिंदुत्व की छवि वर्सेस सरकारी स्कीम
जयपुर की जंग जारी है,25 नवंबर को मतदान से पहले दोनों ही पार्टियों जोर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही.क्योकि जयपुर जीतना कांग्रेस और बीजेपी के लिए चुनौती बन गया है.लेकिन एक बार तय है कि दोनों ही पार्टियां जयपुर की जंग से अपनों से तंग है. जयपुर शहर में बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे को फोकस करके हिंदू वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है.बीजेपी ने इसी रणनीति के तहत बालमुकुंद आचार्य को हवामहल सीट से मैदान में उतारा है. बालमुकुंद आचार्य की हिंदुत्ववादी छवि के सहारे सभी सीटों पर मैसेज देने की रणनीति है.कांग्रेस अपनी स्कीम्स को भुनाना चाहती है.इसके अलावा आरएसएस और हिंदूवादी संगठनों ने भी बीजेपी के साथ मोर्चा संभाल लिया है.
पिछले चुनावों जयपुर का गणित
जयपुर शहर को जीतना दोनों ही पार्टियों के आसान नहीं है.हालांकि पिछले चुनावों में कांग्रेस ने जयपुर की ज्यादा सीटे जीती थी. 2018 में शहर की 9 में से कांग्रेस ने छह और बीजेपी ने 3 सीटें जीती थी.सिविल लाइंस, हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर, झोटवाड़ा, बगरू सीट पर कांग्रेस जीती, जबकि बीजेपी ने विद्याधर नगर,सांगानेर,मालवीय नगर जीती थी.
जयपुर की इन सीटों का कडा मुकाबला
किशनपोल :
किशनपोल सीट पर कांग्रेस विधायक अमीन कागजी और बीजेपी के नए चेहरे एडवोकेट चंद्रमनोहर बटवाड़ा के बीच मुकाबला है. इस सीट पर बीजेपी के सामने अल्पसंख्यक वोटों की चुनौती है,लेकिन बीजेपी ध्रुवीकरण से बैलेंस करने का प्रयास कर रही है. बटवाड़ा को नया उम्मीदवार होने से कई तरह की चुनौतियां मिल रही हैं.
हवामहल:
हवामहल सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने नए चेहरों को उतारा है. यहां कांग्रेस बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है. कांग्रेस ने यहां मंत्री महेश जोशी का टिकट काटकर जिलाध्यक्ष आरआर तिवारी को टिकट दिया है. बीजेपी ने महंत बालमुकंद आचार्य को मैदान में उतारा है. महंत बालमुकंद आचार्य के जरिए बीजेपी ने हिंदुत्व का मैसेज देकर बाकी सीटों पर भी समीकरण पक्ष में करने का प्रयास किया है.
सांगानेर :
इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया. लाहोटी समर्थकों ने विरोध किया, लेकिन बाद में समझाइश पर मान गए.सांगानेर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार भजनलाल शर्मा और कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पेंद्र भारद्वाज के बीच मुकाबला है. भजनलाल शर्मा को नए उम्मीदवार होने से शुरू में चुनौती आई, लेकिन उनके साथ आरएसएस के वर्कर लग गए हैं.
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