Rajasthan Chunav Result Winner List: हनुमान बेनीवाल खींवसर सीट से दर्ज की जीत, बीजेपी- कांग्रेस को दी मात
Rajasthan Chunav Result 2023 Winner list: खींवसर विधानसभा सीट पश्चिमी राजस्थान की सबसे हॉट सीट में से एक है.हनुमान बेनीवाल खींवसर सीट से दर्ज की जीत, बीजेपी- कांग्रेस को दी मात.
Rajasthan Chunav Result Winner List : खींवसर विधानसभा सीट पश्चिमी राजस्थान की सबसे हॉट सीट में से एक है. यहां साल 2018 में आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की थी, 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के तेजपाल मिर्धा बनाम भाजपा के रेवतराम डांगा बनाम आरएलपी के हनुमान बेनीवाल के बीच है. 2023 में इस सीट पर 73.49 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से -1.77 फीसदी कम है, पिछले चुनाव में यहां 75.26 प्रतिशत मतदान हुआ था.हनुमान बेनीवाल खींवसर सीट से दर्ज की जीत, बीजेपी- कांग्रेस को दी मात.
विधानसभा चुनाव 2018
2018 के विधानसभा चुनाव आते-आते तक हनुमान बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की स्थापना कर दी. बेनीवाल ने अपनी पार्टी से ही खींवसर से चुनाव लड़ा जबकि कांग्रेस की ओर से सवाई सिंह चौधरी ने ताल ठोकी. वहीं बीजेपी ने रामचंद्र को चुनावी मैदान में उतारा. इस चुनाव में एक बार फिर हनुमान बेनीवाल की जीत हुई. उन्हें 83,096 वोट मिले तो वहीं उनके सबसे करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस के सवाई सिंह चौधरी 66,000 वोटों के साथ रहे जबकि बीजेपी तीसरे स्थान पर खिसक गई.
खासियत
2008 के विधानसभा चुनाव से पहले यह सीट मुंडवा विधानसभा सीट के तौर पर जानी जाती थी. हालांकि परिसीमन के बाद इस सीट के समीकरण भी बदल गए. मुंडवा विधानसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल के पिता रामदेव बेनीवाल की पारंपरिक सीट भी रही है. इस सीट से रामदेव बेनीवाल ने भी दो बार जीत हासिल की जबकि एक बार हरेंद्र मृदा तीन बार हबीब बुक रहमान और एक बार उषा पूनिया ने जीत हासिल की.
इस सीट की एक और खासियत है यह बेनीवाल परिवार की पारंपरिक सीट रही है. एक दिलचस्प तथ्य यह है कि हनुमान बेनीवाल के पिता राम देव ने 1977 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. हालांकि उसके बाद 1985 में उन्होंने लोक दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद 2008 में हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी के टिकट पर, 2013 में निर्दलीय और 2018 में अपनी पार्टी आरएलपी से चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की. 2019 के उपचुनाव में बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल ने जीत हासिल की.
जातीय समीकरण
पहले मूंडवा और बाद में खींवसर के रूप में जाने जाने वाली इस सीट पर शुरू से ही जाट समाज का दबदबा रहा है. इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में दलित मतदाता भी है. ऐसे में चुनाव में जीत और हार में एक अहम भूमिका दलित मतदाताओं का भी होता है.
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