Diya Kumari Deputy CM Rajasthan: राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा होंगे तो वहीं डिप्टी सीएम दिया कुमारी सिंह और प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया है दिया कुमारी जयपुर राजघराने से संबंध रखती हैं और विद्याधर नगर से विधायक चुनी गई है. चलिए जानते है आखिर कौन है दिया कुमारी


कौन है दीया कुमारी


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30 जनवरी 1971 को जयपुर राजघराने में जन्मी दीया कुमारी का जीवन राजशाही शैली में बीता है. इनका प्रारंभिक जीवन जयपुर की महारानी एवं इनकी दादी गायत्री देवी की देखरेख में हुआ. दीया कुमारी पूर्व महाराजा सवाई भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की इकलौती संतान है. ऐसा माना जाता है कि राजकुमारियां केवल राजकुमारों से ही शादी करती हैं. लेकिन इस कहावत को दीया कुमारी ने गलत साबित किया है.


दीया कुमारी की शादी


उन्होनें किसी राजा के बजाय अपने पिता के पास काम करने वाले मामूली वर्कर नरेन्द्र सिंह से 1997 में प्रेम विवाह किया था. गौत्र एक होने के कारण इन दोनों की शादी को समाज द्वारा काफी विरोध सहना पड़ा. इसके बाद भी वो इस बंधन में बंधे. इसके कारण उनके पिता को कफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्हें इस विरोध के कारण राजपुत सभा के अध्यक्ष पद से हटाया गया. लेकिन ये शादी ज्यादा समय तक नहीं टीक पाई और 2018 में राजकुमारी दीया और नरेंद्र सिंह का तलाक हो गया. दीया और नरेंद्र सिंह की कुल तीन संतानें हैं, जिसमें दो बेटे पद्मनाभ सिंह, लक्ष्यराज सिंह और एक बेटी गौरवी है.  


दीया कुमारी की शिक्षा


दीया कुमारी ने अपनी पढ़ाई मॉडर्न स्कूल (नई दिल्ली), जी.डी. सोमानी मेमोरियल स्कूल, मुंबई और महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जयपुर में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने लंदन में डेकोरेटिव आर्ट्स का कोर्स किया.राजघराने में गायत्री देवी के समय से ही राजनीति में शामिल होने की परंपरा रही है.  


वसुंधरा ही सियासत में लेकर आई


वसुंधरा राजे ही दीया कुमारी को राजनीति में लेकर आई थीं. लिहाजा सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के खि़लाफ़ चुनाव लड़ने के लिए वसुंधरा ने राजकुमारी दीया को तैयार किया. दीया का राजनीतिक सफर बेहद ही शानदार रहा है. साल 2013 में वह भाजपा पार्टी में शामिल हुई थीं. उन्होंने 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. वर्ष 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में दीया ने निजी कारणों से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था. इसके बाद वह 2019 में राजसमंद से लोकसभा के लिए संसद सदस्य के रूप में चुनी गईं. सांसद के अलावा वह अपना खुद का फाउंडेशन भी चलाती हैं. इसके साथ ही वह दो स्कूल और 3 होटल भी चलाती हैं.


अब बात दीया कुमारी से जुड़े किस्से की. तो प्यार की निशानी कहे जाने वाला ताजमहल हमेशा विवादों से घिरा रहता है. कोई न कोई इस पर अपना दावा करता रहता है. अभी हाल ही में जयपुर घराने की राजकुमारी और सांसद दीया कुमारी ने ताजमहल को मुगलों की नहीं बल्कि उनके पुरखों की विरासत बताया है. इसके आगे उन्होनें कहा कि क्योंकि उस समय भारत में मुगलों का शासन था, इसलिए उनका परिवार विरोध करने में नाकामयाब रहा. ऐसा कहा जा सकता है कि दीया कुमारी यानी विवाद. क्योंकि उनकी जिंदगी विवादों से ही घिरी हुई है. यह पहली बार नहीं हुआ, जब उनके बयानों ने मीडिया में तहलका मचा दिया हो.