5 साल बाद ढंग से सो पाया, दीया कुमारी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे सीताराम अग्रवाल ने कहा
प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं. चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हुए प्रत्याशियों ने रिलेक्स महसूस किया है. ज्यादातर प्रत्याशी चुनाव के बाद सुबह देरी से उठे. विद्याधर नगर से कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल ने कहा कि रात को 3 बजे के करीब सोया था.
Rajasthan Election 2023: प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं. चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हुए प्रत्याशियों ने रिलेक्स महसूस किया है. ज्यादातर प्रत्याशी चुनाव के बाद सुबह देरी से उठे. विद्याधर नगर से कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल ने कहा कि रात को 3 बजे के करीब सोया था. आज रिलेक्स महसूस कर रहा हूं. रात को 9-10 बजे तक पोलिंग होती रही. विद्याधरनगर में इतिहास बना कि पहली बार इतनी रात तक कई बूथों पर मतदान चलता रहा. रात तक कार्यकर्ता बूथों का डाटा लेकर पहुंचे. उन्होंने कहा कि 5 साल में पहली बार ऐसी नींद आई है. पिछले 13 दिन में तो आज ही ढंग से सो पाया हूं.
चुनाव में जीत को लेकर कितने आश्वसत
सीताराम अग्रवाल ने कहा कि चुनाव तक हर आदमी अपने आप को विनर मानकर चलता है और मानना चाहिए. लोकतंत्र में निर्णय जनता का होता है. मेरे विरोधी तो एक महीने चुनाव लड़े. जनता इस बात को समझती है कि कौन पांच साल से लड़ रहा है और कौन एक महीने से लड़ रहा हे. जनता ने अपना निर्णय मतपेटियों में बंद कर दिया है. में 150 प्रतिशत आश्वसत हूं कि में चुनाव जीत रहा हूं. में वो इंसान नहीं हूं, मैंने तन मन धन और कर्म से पांच साल परमात्मा को साक्षी मानकर सेवा की है. में मानवता के नाम पर काम करता हूं. मेरा एक नारा है नर सेवा ही नारायण सेवा है. गरीब के लिए सीताराम 24 घंटे तैयार मिलता है.
5 साल में जनता का प्यार पाया
सीताराम अग्रवाल ने कहा कि मैँने इन पांच सालों में खोया ही खोया है. पाया तो मैँने जनता का प्यार पाया है. मैंने अपना व्यापार खो दिया, मेरे पोते पौतियों से अटेचमेट खत्म हो गया. में घर पर इनको टाइम नहीं दे पाता था. सालभरबाद ये मेरे पास बैठ रहे हैं. में कहना चाहता हूं कि जो राजनीति में आते हैं उन्हें सेवा के मकसद से आना चाहिए.
वो सिटी पैलेस में नहीं रहते तो मैं नहीं कहता वो राजा नहीं
अग्रवाल ने राजा और रंक की लड़ाई पर कहा कि मेरी लड़ाई राजपरिवार से थी. अगर वो सिटी पैलेस में नहीं रहते तो में नहीं कहता. हमारे राजा कौन थे, कहां रहते थे. सिटी पैलेस से ही चलता था. आज हम पूर्व राजपरिवार कहते हैं. पूर्व राजपरिवार घराने की रानी को राजा नहीं कहूंगा तो क्या कहूंगा. में तो मेरी जगह पर सही था. वो चुनाव लड़ने यहां आई है. यहां से इनके विधायक हार रहे थे. इसके बाद ये ब्रह्मास्त्र लेकर आए. हम तो राजाओं को बहुत ज्यादा सम्मान देते हैं. जब जयपुर दरबार को ही इन्होंने मेरे सामने उतार दिया तो उसके बाद तो वसुंधरा जी ही बाकी बचती है. मेरी पार्टी का तो में आभारी हूं कि इतना बड़ा चेहरा आने के बाद भी इन्होंने मेरे पर आस्था व्यक्त करते हुए मुझे उतारा. उस समय एक चर्चा चल पड़ी थी कि शायद सीताराम अग्रवाल का टिकट कटेगा लेकिन सीएम, डोटासरा ने कहा कि हमारे बड़े चेहरे आप हो. आपने पांच साल सेवा की है.
सीएम गहलोत ने कहा- तरीके से चुनाव लड़ना चुनाव जीत जाओगे
सीताराम अग्रवाल ने कहा कि चुनाव से पहले मुझे सीएम ने बुलाकर कहा कि सीताराम तरीके से चुनाव लड़ना आप चुनाव जीत जाओगे. डोटासरा ने भी कहा कि आप चिंता मत करना आप चुनाव जीत जाओगे. मुझे लगता है कि जनता ने मुझे प्यार किया है. चुनाव बाद सीएम ने बात की ओर कहा कि आप ने वाकई चुनाव लड़ा है. आप चुनाव निकाल रहे हो. इस सीट पर पूरे राजस्थान की नजर थी. भगवान भला करे महारानी का कि पांच साल मीडिया ने मुझे संभाला नहीं में एक कौने में पड़ा था. इनकी वजह से मेरा चेहरा भी मीडिया में आया. सीएम ने भी यही कहा था कि ये लड़ाई राजा ओर रंक की है. कई लोग ऐसे मिले जिन्होंने कहा कि हम आपकी वजह से मतदान करने आए हैं.
नहीं जा पाए पूरे बूथों पर
अग्रवाल ने कहा कि विद्याधर नगर में 92 बूथ हैं, लेकिन में कुछ बूथों पर ही जा पाया. उन्होंने कहा कि जनता ने मुझे इतना प्यार दिया कि सब जगह पहुंच ही नहीं पाया. में लोग मिले ओर में उन्हें छोड़कर निकल जाउं में ऐसा कर नहीं सकता. मेंने लोगों से इसके लिए माफी भी मांगी है. लोगों को ये डर था कि यहां राजा नहीं जीत जाए, इसलिए लोग मतदान के लिए घरों से निकले. मेरा व्यवहार ऐसा कि मैं शादी में भी पहुंचता हूं तो मुझे 25 मिनट लगती है. टिकट देरी से मिलने को लेकर कहा कि टिकट तो मेरी पिछली बार चुनाव हारा था उस दिन ही फाइनल हो गई थी. टिकट देरी से जारी होने में कोई ओर कारण थे. उन्होंने कहा कि रानी ने एक बात कही कि कांग्रेस पार्टी के पास चेहरा नहीं है तो कह दे ओर मुझे निर्विरोध निर्वाचित जिता दे. कहा कि उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए. कांग्रेस बहुत बड़ी पार्टी है. कांग्रेस पार्टी के पास चेहरा भी है और चुनाव भी लड़ा है.
पौते- पौतियों ने कहा
सीताराम अग्रवाल की पौते पौतियों ने कहा कि हम एक साल बाद इनसे मिले हैं. रोज यह रात को एक दो बजे पहुंचेते थे. सुबह भी जल्दी ही घर से निकल जाते थे. हमरे बर्थडे पर भी नहीं आए. अब जाकर इनके पास बैठे हैं. इनकी आंखों पर भी सूजन आ गया था. अब बहुत अच्छा लग रहा है. हम भी एक दिन इनके कैंपेन में साथ गए थे.
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