Banswara: राजस्थान के बांसवाड़ा शहर में 4 वकीलों के नाम धमकी भरे पत्र लिखने के मामले में पुलिस ने आरोपी वकील को गिरफ्तार कर लिया है. पत्र मिलने के बाद से पुलिस महकमे चिंता और वकीलों में डर का माहौल था. उसके बाद पुलिस जांच में जुटी तो आरोपी वकील सुनील आचार्य निकला,जिसे पुलिस ने शनिवार देर शाम को गिरफ्तार किया,पुलिस पूछताछ में उसने पत्र लिखना कबूल कर लिया.


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यह मामला इसलिए भी गंभीर था क्योंकि आरोपी ने पत्र में स्वयं को मुस्लिम बताते हुए धमकी दी थी. आरोपी सुनील आचार्य ने फ्रस्ट्रेशन की वजह से यह पूरी करतूत की, उसके खिलाफ पहले से ही 3 मुकदमें दर्ज  हैं.  जानकारी के अनुसार 16 जून को आरोपी वकील ने अपने क्लाइंट अर्जुन निनामा के माध्यम से बंद लिफाफे में एक चिट्ठी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचाई, इसमें उसने नुपूर शर्मा के प्रकरण का जिक्र करते हुए लिखा कि पूर्व में वकील हेमेंद्र नाथ द्वारा भी सोशल मीडिया ग्रुप में धार्मिक भावना भड़काने वाली टिप्पणी की गई थी, लेकिन बाद में समझौता कर लिया और कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद आरोपी सुनील आचार्य ने 30 जून को दोबारा दो अलग अलग लिफाफों में चिट्ठी बंद कर अपने क्लाइंट प्रकाश को दी और पोस्ट करने को कहा, यह पोस्ट एक तो पुलिस अधीक्षक को किया गया तो वहीं दूसरा पोस्ट बार अध्यक्ष मनोजसिंह चौहान को किया गया.  


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धमकी भरे पत्र में यह लिखा


एक ही अपराध के दो नियम नहीं हो सकते, हमारे दो व्यक्तियों ने भड़काने वाली पोस्ट की तो उन्हें गिरफ्तार किया गया. एडवोकेट हेमेंद्रनाथ पुरोहित ने हमारी बेइज्जती में लंबा चौड़ा पोस्ट कर उन्हें कैसे माफ किया, यही आपकी पुलिस का न्याय हैं. हम भूले नहीं, वकील को आप माफ कर सकते हैं, हम माफ नहीं कर सकते हैं, बेइज्जती का पूरा बदला लेना है. आप जो न्याय नहीं करवा पाए वो न्याय और इंसाफ हम करेंगे. नूपुर शर्मा की एफआईआर में जांच अधिकारी कोतवाल को बना दो न्याय तराजू नहीं करता तो तलवार करती है न्याय. उसका बाद लिखा खुदा हाफिज- हेमेंद्रनाथ, मनोजसिंह चौहान, शाहबाज खान, राजा वकील और खत लिखने वाले ने चारों के नाम के आगे क्रोस भी लगा दिया.


डीएसपी सूर्यवीरसिंह ने बताया कि वकीलों से हमें मौखिक सूचना मिलने के बाद तुरंत ही एफआईआर दर्ज की गई, शुक्रवार शाम से ही कोतवाल रतनसिंह चौहान और उनकी टीम जांच में जुट गई थी. अभय कमांड सेंटर से शहर के करीब 100 सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये. जीपीओ चौराहे के फुटेज में हमने अर्जुन और प्रकाश पर कुछ संदेह हुआ, तो उनसे पूछताछ की उन्होंने वकील सुनील आचार्य के कहने पर डाक पोस्ट करना बताया, जिसके वो क्लाइंट थे. पत्र सील होने से उन्हें अंदाज नहीं था कि उसमें क्या लिखा है जिसके बाद सुनील आचार्य को गिरफ्तार किया तो उसने आरोप कबूल कर लिया. 


Reporter - Ajay Ojha


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