Baran: बारां के कवाई थाना पुलिस ने सोलाहेड़ी गांव में दबिश देकर खेत में सब्जियों के बीच बो रखे गांजे के 56 पौधे बरामद कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुटी है. एसपी कल्याणमल मीना ने बताया कि जिले में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री  और तस्करी की रोकथाम व कार्रवाई के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत एएसपी जिनेंद्र जैन के निर्देशन में कवाई थानाधिकारी मानसिंह की टीम ने कवाई थानाक्षेत्र के सोलाहेडी में कार्रवाई की है. एसपी कल्याण मल मीना ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कवाई थाना क्षेत्र के सोलाहेड़ी गांव में एक व्यक्ति ने अपने खेत पर सब्जियों के बीच गांजे के पौधे बो रखे हैं. 


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पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची. जहां पुलिस ने कार्रवाई करते हुए खेतों में सब्जियों के बीच अवैध रूप से बो रखे गांजे के 56 पौधे जिनका कुल वजन 25 किलो 300 ग्राम है, उन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया है. तथा आरोपी परमानंद पुत्र भंवरलाल धाकड़ को गिरफ्तार किया है. थानाधिकारी मानसिंह ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपी खेत में चोरी छिपे बोए हुए गांजे को पुड़िया तैयार कर बेचता था पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है


क्या कहता है कानून?
दरअसल देश में एक समय पर गांजे का इस्तेमाल भी खुले-तौर पर किया जाता था, लेकिन साल 1985 में भारत ने नारकोटिक्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटैंस एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) में भांग के पौधे यानी कैनबिस के फल और फूल के इस्तेमाल को अपराध की श्रेणी में रखा था. लेकिन इसकी पत्तियों को नहीं. हालांकि इससे पहले नारकोटिक्स ड्रग्स पर हुए सम्मेलन में, 1961 में, भारत ने इस पौधे को हार्ड ड्रग्स की श्रेणी में रखने का विरोध किया था. हालांकि कुछ राज्यों में भांग अभी भी अवैध है. उदारहण बतौर आप असम को ही देख लीजिए, वहां भांग का इस्तेमाल गैर कानूनी है, तो महाराष्ट्र में भांग को उगाना, रखना, इस्तेमाल करना या उससे बने किसी भी पदार्थ का सेवन बगैर लाइसेंस के करना गैर कानूनी है. दूसरी तरफ, गुजरात ने साल 2017 में ही भांग को कानूनी किया था.