Baran: राजस्थान के बारां जिले के तुलसा कोटड़ी निवासी विनय मीणा का ने यूपीएससी में 520 वीं रैंक प्राप्त कर जिले और परिवार का नाम रोशन किया है. तुलसा कोटड़ी निवासी विनय कुमार मीना ने बताया कि उनकी मां मालती मीणा और पिता दिलीप सिंह मीना दोनों ही सरकारी स्कूल में शिक्षक है. वहीं, बहन नेहा मीणा आयुर्वेदिक चिकित्सक है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होनें बताया कि उन्होनें 8वीं तक बारां और 9 से 12वीं तक कोटा में निजी स्कूल में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होनें आईआईटी रुड़की से कंम्प्यूटर साइंस से आईआईटी की पढ़ाई पूरी. आईआईटी के दौरान यूपीएससी एक्जाम के बारें में सहपाठियों से चर्चा होती रहती थी. ऐसे में यूपीएससी टॉपर्स से जुड़े मॉटवेशनल कंटेट पढ़ने और विडियो आदि देखने साल 2017 में उन्होनें सिविल सर्विस में जाने का लक्ष्य निर्धारित कर उसकी तैयारी शुरू कर दी. इसके चलते उन्होनें कैंपस प्लेसमेंट में भी भाग नहीं लिया. 


यूपीएससी की दिल्ली में रहकर बिना कोचिंग के ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. पहली बार में सलेक्शन नहीं हुआ तो काफी निराश भी हुए, लेकिन रिजल्ट में जो खामियां सामने आई उन्हें दुरुस्त कर फिर से तैयारी में जुट गए. परिवार की ओर से भी फिर से तैयारी करने के लिए प्रेरित किया. दूसरे चांस में उन्होनें मैंस एक्जाम पास कर इंटरव्यू में पहुंचे, लेकिन इंटरव्यू पास नहीं कर पाए. तीसरे चांस में भी सलेक्शन नहीं हो सका. 


आखिर साल 2021 की परीक्षा में फिर से मैंस परीक्षा पास कर इंटरव्यू में पहुंचे. इंटरव्यू में भी पास होने के बाद विनय ने यूपीएसी परीक्षा पास कर ऑल इंडिया 520 वीं रेंक और एसटी केटेगरी में 12वीं रेंक प्राप्त कर अपने परिवार, बारां जिले का नाम रोशन किया है. विनय ने बताया कि जैसे ही रिजल्ट में सलेक्शन का पता लगा तो, आखों में आंसू आ गए और हांथ भी कांपने लगे. उन्होनें सबसे पहले माता-पिता औ बहन को रिजल्ट बताया तो वे खुशी से झूम उठे. 


दिनभर में करीब 14 घंटे पढ़ाई, योगा और मेडिटेशन भी अपनाएं
उन्होनें बताया कि वे साल 2017 से 2019 तक दिल्ली और उसके बाद से जयपुर में रहकर खुद पढ़ाई कर यूपीएससी परीक्षा तैयारी कर रहे थे. परिवार की ओर से कई बार कोचिंग से तैयारी करने के लिए भी कहा. वे प्रतिदन सुबह जल्दी उठकर करीब दो से तीन घंटे पढ़ाई करते, इसके बाद सुबह 9 बजे लाइब्रेरी जाकर तैयारी से जुड़ी पढ़ाई कर देर शाम को वापस लौटते थे. इसके बाद कुछ देर इंटरनेंट आदि की मदद से परीक्षा से जुड़े कंटेंट पढ़ाई करते थे. इस दौरान पढ़ाई के तनाव से रिलेक्स होने के लिए गाने सुनना, मॉटिवेशनल बुक्स पढ़ना और मेडिटेशन आदि करते रहे. 


परिवार से मिला पूरा संबल
विनय ने सफलता का श्रेय परिवार को देते हुए कहा कि परिवार ने उन्हें काफी सपोर्ट किया. शुरुआती पढ़ाई से लेकर तैयारी में काफी संबल दिया. इस परीक्षा से पहले भी वे तीन बार यूपीएससी का पेपर दे चुके है, लेकिन तीनों बार सलेक्शन नहीं हो पाया, जबकि एक बार तो मैंस पास कर इंटरव्यू में पहुंचे थे. उन्होनें बताया कि हर बार सलेक्शन नहीं होने पर काफी दुख होता था, लेकिन परिवार ने हर बार निराश नहीं होने और अच्छी मेहनत कर जो खामियां रही उनमें सुधार करने के लिए प्रेरित किया. इसी संबल की वजह से आज इस लक्ष्य को हासिल किया है. उन्होने बताया कि काफी समय से उन्हें कलेक्टर बनकर सेवा करने का सपना है, ऐसे में पहली चॉइस आईएएस सेवा में जाने की है. अच्छी रैंक मिलने से आईएएस कैडर मिलने की उम्मीद है. 


रिपोर्टर:-राम मेहता


यह भी पढे़ंः महज 53 साल की उम्र में फैंस को रुलाकर चले गए सिंगर kk, कंसर्ट में गाते समय आया हार्ट अटैक