Chhabra: बारां के छबड़ा में छबड़ा सुपर क्रिटिकल प्लांट के कोल हैंडलिंग प्लांट में कार्यरत निजी कंपनी के ऑपरेटर की मंगलवार रात को ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई. कंपनी के कार्मिक मृतक को बुधवार सुबह छबड़ा सीएचसी लाए, जहां परिजनों को जानकारी मिलने के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए. 


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यह लोग निजी कंपनी से 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करने लगे. छह घंटे तक चले धरना, प्रदर्शन और समझाइश के बाद शाम को कंपनी ने मृतक के परिजनों को 11 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया. इसके बाद मामला शांत हुआ.


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भटखेड़ी निवासी महाराजसिंह मेहता ने बताया कि उसका भाई पिछले तीन साल से क्रिटिकल प्लांट में कार्यरत अक्का लॉजिस्टिक कंपनी में काम करता था. मंगलवार को उसका अवकाश था, लेकिन सुपरवाइजर ने ओवर टाइम पर बुला लिया. वह रात 8 बजे ड्यूटी करने गया था, जिसे सुबह कर्मचारी संग्राम सिंह राजपूत ने सीढ़ियों पर मृत अवस्था में देखा. उसने कंपनी अधिकारियों को सूचना दी और विजय सिंह मेहता को छबड़ा सीएचसी लाए यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.


छबड़ा चिकित्सालय लाने पर परिजनों को उसकी मृत्यु की जानकारी मिली. वे तत्काल सीएचसी पहुंचे और विजयसिंह की मौत के लिए कंपनी अधिकारियों को जिम्मेदार बताया. परिजनों के अनुसार विजयसिंह की मृत्यु कोयले मे काम करते समय दम घुटने से हुई है. ग्रामीणों ने कंपनी के सुपरवाइजर राघवेंद्र और सुमित का घेराव कर जमकर खरी-खोटी सुनाई और मजदूरों के शोषण का आरोप लगाया.


भटखेड़ी निवासी विजयसिंह की मृत्यु से आक्रोशित लगभग 200 मजदूरों ने बुधवार को प्लाट में काम करने से इनकार कर दिया और गेट पर धरना प्रदर्शन किया. मजदूरों ने मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा राशि दिए जाने की मांग की. थर्मल अधिकारियों ने उचित मुआवजा दिलवाए जाने के लिए आश्वस्त किया, परंतु मजदूर नहीं माने.


क्या बोले सुपर क्रिटिकल प्लांट के चीफ इंजीनियर 
सुपर क्रिटिकल प्लांट के चीफ इंजीनियर उमेश गोयल ने बताया कि उन्हे ऑपरेटर विजयसिंह के निधन का दुख है. उनका कहना है कि विजयसिंह की मृत्यु स्वभाविक है. वह लेटा हुआ था और पानी की बोतल भी उसके पास रखी थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने पर ही वास्तविकता सामने आएगी.


मामले की जानकारी मिलने पर एसडीएम सुरेश हरसोलियाए डीएसपी पूजा नागर और बापचा थानेदार सुरेंद्र कुंतल भी छबड़ा चिकित्सालय पहुंच गए. यहां बुधवार शाम चार बजे तक धरना प्रदर्शन और वार्ता जारी रही. एसडीएम हरसोलिया ने थर्मल अधिकारियों और निजी कंपनी के अधिकारियों से वार्ता कर समझाइश की. अंत में विजयसिंह के पुत्र ने निजी कंपनी के अधिकारियों और सुपरवाइजर आदि के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किए जाने की रिपोर्ट डीएसपी नागर को दी. दोनों कार्मिकों को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी.


इस पर गुडगांव से कंपनी के अधिकारियो ने 11 लाख रुपये मुआवजा राशि देने की बात कही और लिखित आश्वासन दिया. इसके बाद मृतक का पीएम करवाया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया और मामला शांत हुआ.


Reporter- Ram Mehta