Barmer: पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के हापों की ढाणी निवासी दिव्यांग लीला राजपूत की पीड़ा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुन ली और उसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोतरा और अपर जिला और सेशन न्यायाधीश विकास सिंह चौधरी आज लीला के घर पहुंचे और उसकी पीड़ा सुनकर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया.


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दरअसल 12वीं कक्षा की लीला राजपूत के 8 साल की उम्र में करंट लगने से दोनों हाथ कट गए थे और उसके कुछ वर्ष बाद राज्य सरकार की ओर से लीला को करीब ₹500000 की सहायता राशि मिली थी. लीला के परिजनों बहकावे में आकर बाड़मेर की नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में जमा करवाई थी, लेकिन 2 वर्ष पहले नवजीवन क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी ने फ्रॉड कर दिया और पैसे देने से इनकार कर दिया. 


जिसके बाद गत 24 मई को लीला ने अपने पैरों से हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई थी जिस पर चीफ जस्टिस ने संज्ञान लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पूरे मामले की कार्यवाही करने के निर्देश दिए, जिस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विकास सिंह चौधरी आज लीला के घर पहुंचे और लीला और उनके परिजनों को पूरे मामले में उचित कार्यवाही कर जल्द पैसे वापस दिलवाने का आश्वासन दिया. 


इस दौरान अपर जिला और सेशन न्यायाधीश विक्रम सिंह ने बताया कि इस संबंध में परिजनों ने ग्रामीण थाने में एक नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव के खिलाफ रिपोर्ट भी दी थी. उस रिपोर्ट में मामला दर्ज हुआ या नहीं इसको लेकर कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक को फोन पर जल्द एफ आई आर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही यह पूरी जानकारी जिला विधिक प्राधिकरण बालोतरा को भेजने के भी निर्देश दिए हैं.


Reporter: Bhupesh Acharya