Barmer: बाड़मेर नगर परिषद में एक बार फिर आयुक्त योगेश आचार्य की दरियादिली देखी गई है. बाड़मेर के इंद्रा कॉलोनी वार्ड संख्या 44 की कैंसर पीड़ित जमना पत्नी शिव सिंह जाति रावणा राजपूत ने पट्टा बनवाने के लिए आवेदन किया था. 


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जब आयुक्त योगेश आचार्य को वार्ड 44 के पार्षद निम्बसिंह देवड़ा ने पीड़ित परिवार की बीमारी और घर की दयनीय हालत की जानकारी के बारे में अवगत करवाया तो आयुक्त योगेश आचार्य ने मानवता की मिसाल दिखाते हुए अपनी स्वयं की आय से कैंसर पीड़ित आवेदनकर्ता के नियमन शुल्क जमा करवाकर पीड़ित परिवार को मकान का मालिकाना हक दिलवाया. एक गरीब कैंसर पीड़ित पति-पत्नी की बीमारी को देखते हुए आयुक्त ने अपनी निजी आय से पट्टा धारक के नियमन राशि करीब 30 हजार रूपये अपनी जेब से वहन किए है. 


वहीं जब इस मामले को लेकर कैंसर पीड़ित लाभार्थी  परिवार ने बताया कि बीमारी के कर्ज के कारण अपना मकान बेच रही थी, लेकिन पार्षद निम्बसिंह आए, उन्होंने कहा कि आप मकान नहीं बेचे और मकान का पट्टा बनवाए जिससे आपको लॉन मिल सके और कर्ज भी उतर जाएगा, लेकिन मेरे पास पट्टा बनवाने के पैसे भी नहीं है, लेकिन हमारे आयुक्त साहब ने मुझ गरीब परिवार की मदद करते हुए मेरे पट्टे के पूरे पैसे अपने जेब से देकर मुझे पट्टा दिया है. 


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हम दोनों कैंसर पीड़ित परिवार की मदद करने के लिए आयुक्त साहब और सभापति दिलीप माली और पार्षद निम्बसिंह देवड़ा का ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूं और ह्रदय से दुआएं देती हूं. अगर हर सरकारी कार्यालय में ऐसे अधिकारी आ जाए, तो कोई भी गरीब दुखी होकर नहीं जाएगा. एक बार फिर नगर परिषद की साख राजस्थान में बढ़ी है. हर दूसरे दिन कभी आयुक्त तो कभी सभापति अपनी निजी आय से गरीब परिवारों की मदद कर रहे है.


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