Barmer News: बाड़मेर में आधुनिक सुरक्षा उपकरणों व सैन्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. वहीं, आमजन का सेना के साथ संवाद स्थापित कर लोकल फॉर वोकल कार्यक्रम के तहत यहां के हैंडीक्राफ्ट असली पहचान दिखाकर हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने के लिए जालीपा सैन्य स्टेशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें स्कूली बच्चों के साथ ही बाड़मेर जिले के हस्तशिल्प कामगारों ने भाग लिया.


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राष्ट्र की सुरक्षा के साथ ही भारतीय सेना ने लोकल फॉर वोकल कार्यक्रम के तहत हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देकर स्थानीय कामगारों को उत्पादों को उचित प्लेटफार्म देकर रोजगार उपलब्ध करवाने का बीड़ा उठाया है, जिसके तहत बाड़मेर सैन्य स्टेशन में हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.


जिसमें बाड़मेर के स्थानीय हैंडीक्राफ्ट कामगारों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई और सेना के अधिकारियों को अपने उत्पादों के बारे में जानकारी दी. सेना हैंडीक्राफ्ट के साथ विलुप्त हो रही स्थानीय लोक कला को भी जीवित करने के लिए लोक कलाकारों को बढ़ावा दे रही है.


वहीं, देश का भविष्य व युवा पीढ़ी में राष्ट्र निर्माण की भावना जागृत करने व स्कूली बच्चों को सेना के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से सैन्य स्टेशन में सेना के पास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए उपयोग में लिए जाने वाले आधुनिक हथियारों व सैन्य उपकरणों की भी प्रदर्शनी लगाकर बच्चों को जानकारी दी गई. साथ ही युद्ध की स्थिति में सेना के टैंक किस तरह से नदी नाला को पारकर युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए तैयार है.


 इसका भी स्कूली बच्चों को लाइव डेमो दिखाया गया. साथ ही बाड़मेर शहर के आसपास की विभिन्न स्कूलों से आए स्कूली बच्चों ने सैन्य अधिकारियों से विभिन्न हथियारों व सेना में भर्ती होने से संबंधित सवाल जवाब किए. सैन्य अधिकारियों का कहना है कि भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान के उद्देश्य से सैन्य हथियार प्रदर्शनी,स्कूली बच्चों को सेना के बारे में जानकारी देकर सेना के प्रति मोटिवेट किया गया. 


सेना ने यहां अमृत सरोवर का भी निर्माण करवाया है कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कई कार्य करवाए जा रहे हैं. सेना लगातार आमजन के बीच संवाद स्थापित करने के लिए भी कई कार्यक्रमों का आयोजन करती है. वहीं,आंखें स्थानीय लोकल हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को प्लेटफार्म देने के लिए भी हम कार्य कर रहे हैं. ताकि बाड़मेर जिले के हैंडीक्राफ्ट को एक अपनी अलग से पहचान मिल सके.


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