Barmer  news: राजस्थान के बाड़मेर जिले के सदर थाना पुलिस एक बुजुर्ग के लिए देवदूत बनकर सामने आई है. जहां पर 10 महीने पहले अचानक ही बिना बताए घर से गायब हुए मंदबुद्धि के बालक को उसके दादा से वापस मिलाया. 10 महीने बाद अपने पोते को देखकर दादा की आंखें भर आई और पोते को गले लगाकर पुलिस का शुक्रिया अदा किया.


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बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र के धन्ने का तला निवासी 15 वर्षीय मंदबुद्धि बालक मालाराम के माता-पिता नहीं है. वह अपने दादा के साथ रहता था 10 महीने पहले बिना बताए वह घर से निकल गया उसके बाद में बाड़मेर जैसलमेर सहित अन्य कई स्थानों पर दादा खेहवराराम खूब तलाश की लेकिन उनका पोता मालाराम नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने सदर थाना पुलिस में गुणसूद की दर्ज करवाई. इसके बाद सदर थाना पुलिस ने मालाराम की तलाश करते हुए जालौर जिले के आहोर से जन जागृति संस्थान से माला को ढूढ निकाला और हेड कांस्टेबल दुर्गाराम आज मालाराम को बाड़मेर लेकर पहुंचे जहां उसके दादा से पोते को मिलाया. पोते को देखते ही दादा का गला भर आया. इसके बाद होते माला राम ने कहा कि दादा आप आंसू मत बहाओ में वापस आ गया.


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सदर थाने के हेड कांस्टेबल दुर्गाराम ने बताया कि मालाराम के गुमसुदगी की दर्ज होने के बाद कई स्थानों पर पुलिस ने तलाश की और राज्य सरकार वह पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाए जा रहे गुमशुदा व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन मिलाप के तहत विभिन्न संस्थानों में रह रहे लोगों के फोटो ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे और उसके आधार पर सदर थाना पुलिस में ऑनलाइन फोटो खगाल कर मालाराम को ढूंढ निकाला और उसके दादा को मालाराम की फोटो दिखाई साथी वीडियो कॉल से बात करवाई तो उन्होंने कहा कि यह उनका पोता माला राम ही है जिसके बाद आज आहोर से मालाराम को बाड़मेर लाकर उसके दादा को सुपुर्द किया.