Barmer: कक्षा 1 से बारहवीं तक प्रोजेक्टर से पढ़ाई, विद्यालय को मिला सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पुरस्कार
Barmer News: बाड़मेर जिले ग्रामीण क्षेत्र की यह एकमात्र ऐसी स्कूल है जहां हर प्रकार की भौतिक सुख सुविधाएं उपलब्ध है. जहां कक्षा 1 से बारहवीं तक प्रोजेक्टर से पढ़ाई होती है. इस वजह से विद्यालय को सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पुरस्कार मिला.
Gudamalani: सरकारी विद्यालय के विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. जिसके तहत बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना उपखंड क्षेत्र की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जांभोजी का मंदिर एसडीएमसी का जिले में सर्वश्रेष्ठ एसडीएमसी के तौर पर चयन हुआ है. सीडीईओ तनुराम राठौड़ ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जांभोजी का मंदिर के एसडीएमसी को 51 हजार का चेक व प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया है जिसको लेकर एसडीएमसी सदस्यों, भामाशाहों, और अभिभावकों व ग्रामीणों में खुशी का माहौल है.
बाड़मेर जिले ग्रामीण क्षेत्र की यह एकमात्र ऐसी स्कूल है जहां हर प्रकार की भौतिक सुख सुविधाएं उपलब्ध है. यह सब संभव हो पाया है यहां के प्रधानाचार्य आशुराम बिश्नोई की मेहनत लग्न और दृढ़ इच्छाशक्ति व भामाशाहों के सहयोग से. वर्ष 2015 में विद्यालय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत हुआ था. ग्रामीण परिवेश होने के कारण नामांकन भी नाम मात्र का था जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ी शिक्षकों की मेहनत के चलते नामांकन का आंकड़ा भी बढ़ता गया.
कोरोना काल के दौरान युवा प्रधानाचार्य आसुराम बिश्नोई ने स्टाफ साथियों और भामाशाह के सहयोग से स्कूल की तस्वीर ही बदल दी. विद्यालय को हर भौतिक सुख सुविधाएं उपलब्ध करवाकर अभिभावकों व विद्यार्थियों के समक्ष एक ऐसा अनूठा नजारा पेश किया की सारा विद्यालय परिसर को हरा-भरा बना दिया और अलग-अलग 200 प्रकार के औषधीय, फलदार फूलदार और छायादार पेड़ पौधे लगाए गए जो हर कोई का मन मोह रहे हैं और शांत वातावरण में विधार्थियों को उच्च तरीके की शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है. विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को उन्नत बनाने के लिए स्मार्ट क्लास भी संचालित की जाती है.
मिशन ई-ज्ञान के माध्यम से विद्यार्थियों को अध्ययन करवाया जाता है गुणवत्तापूर्ण अध्ययन के लिए विषय विशेषज्ञों का ऑनलाइन सहयोग लेकर हर समस्या का समाधान किया जाता है. इतना ही नहीं कई विषयों के अध्यापक के पद रिक्त होने के बावजूद मिशन ई-ज्ञान और एसडीएमसी के माध्यम से स्टाफ की वैकल्पिक व्यवस्था करके विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन करवाया जाता है.
बता दें कि विद्यालय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत हुआ तब से गणित विषय के अध्यापक का पद रिक्त चल रहा है तथा पिछले 2 वर्षों से गणित के अध्यापक का भी पद रिक्त हैं लेकिन इसके बावजूद भी एसडीएमसी के सहयोग से विद्यार्थियों को अध्ययन करवाया जाता है जिसके बदौलत हर वर्ष शत प्रतिशत रिजल्ट रहता है. इतना ही नहीं वर्ष 2017 से लगातार विद्यालय को फाइव स्टार रैंकिंग भी मिल रही है. पिछले वर्ष गार्गी पुरस्कार और बालिका प्रोत्साहन में 6 बालिकाओं का चयन हुआ. वहीं इंस्पायर अवॉर्ड में पिछले वर्ष 1 छात्र व इस वर्ष भी एक छात्र का चयन हुआ है.
विद्यालय की ओर से जब भी नवाचार करने के लिए ग्रामीणों के समक्ष मांग रखी जाती है बढ़-चढ़कर भामाशाह आगे आते हैं. हर जरूरत को पूरा किया जाता है हर समाज में संत महात्माओं को दक्षिणा दी जाती है लेकिन जांभोजी का मंदिर के संत सूरदास महाराज ने प्रेरित होकर विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए भामाशाह बन कर प्रोजेक्टर भेंट किया .गया इतना ही नहीं हर घर तुलसी अभियान के दौरान एसडीएमसी की ओर से विद्यार्थियों को तुलसी के पौधे वितरित किए गए.
साथ ही साथ अन्य विद्यालय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अरणियाली, उच्च माध्यमिक विद्यालय लुखू, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भलीसर व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कबूली को भी तुलसी के पौधे उपलब्ध करवाए गए. विद्यालय डिजिटल शिक्षा की ओर अग्रसर हो रहा है कक्षा 1 से लेकर 12 तक सभी कक्षाओं में प्रोजेक्ट व एलईडी लगे हुए हैं डिजिटल शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही हैं वहीं विद्यालय की पीटीएम मिटिंग में ग्रामीणों भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं जिसमें महिलाओं की संख्या भी अधिक रहती है.
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