Barmer: भारत आज 16 दिसंबर के दिन को ''विजय दिवस'' के रूप में याद करता है. साल 1971 में आज ही के दिन पाकिस्तान के छेड़े युद्ध पर भारतीय सेना ने विजय हासिल की थी. पाकिस्तान के करीब 93 हजार जवानों ने भारत के सामने सरेंडर किया था. इसी दिन दुनिया के राजनीतिक नक्शे पर एक नए देश का उदय भी हुआ था. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्वतंत्र भारत के सामरिक इतिहास के सबसे गौरवशाली दिन 16 दिसम्बर 1971 विजय दिवस के उपलक्ष में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद बाड़मेर एवं नगर परिषद के संयुक्त तत्वाधान में विजय दिवस की वर्षगांठ का समारोह शुक्रवार को शहीद सर्किल सिणधरी रोड पर बड़े ही धूम धाम से मनाया गया.


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वीर शहीदों की याद में शहीद सर्किल पर राजस्थान गोसेवा आयोग अध्यक्ष व बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन व अतिथियों ने 100 मीटर ऊंचा गगनचुंबी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहरा कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही विजय दिवस के समारोह में बैण्ड एवं बिगुलर की धुन पर आर्मी ,बीएसएफ के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ आनर देकर विजय दिवस 1965 एवं 1971 में भारत पाक युद्ध में देश की आजादी और आन बान शान के लिए अपने प्राणों को त्यागने वाले शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की. जिले के पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने पुष्प अर्पित कर शहीदों को पुष्पांजलि दी. इस दौरान कार्यक्रम में आयोजन समिति की ओर से शहीदों के परिजनों का भी सम्मान किया गया.


अखिल भारतीय भूतपूर्व सैनिक परिषद की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर लोकबंधु, नगर परिषद सभापति दिलीप माली सहित आर्मी एयरफोर्स व सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी व जवानों के साथ सैकड़ों की संख्या में स्कूली बच्चे व बाड़मेर जिले के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.


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