Barmer: बाड़मेर जिले में बजरी के मुद्दे पर लगातार अब सियासत गरमाने लगी है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने पिछले 14 दिनों से बजरी के मुद्दे पर बालोतरा उपखंड मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर गहलोत सरकार को इसका जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं, आज से कांग्रेस ने भी बजरी के दर कम करने की मांग को लेकर बालोतरा उपखंड मुख्यालय पर अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई है. 


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बजरी के मुद्दे को लेकर 25 सितंबर को सर्व समाज की बालोतरा में महापड़ाव का आयोजन हुआ था, जिसमें कांग्रेस बीजेपी और आरएलपी तीनों एक मंच पर थी, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही आरएलपी में गहलोत सरकार द्वारा बजरी ठेकेदार   खुलेआम आम जनता को लूटने का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. वहीं, 2 दिन पहले ही बाड़मेर जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस कर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को बजरी ठेकेदार के साथ मिलीभगत होने का आरोप लगाया. बजरी ठेकेदार के इशारे पर ही धरना प्रदर्शन करने का भी आरोप लगाया था, 


वहीं, इस बयान के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी कांग्रेस नेताओं पर आक्रामक हो गई है. लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गजेंद्र चौधरी ने कहा कि आम जनता के दर्द को समझते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने बजरी के मुद्दे आंदोलन शुरू किया. तो कांग्रेस नेताओं की राजनीतिक जमीन खिसकना शुरू हो गई है. 


उसी की बौखलाहट साफ तौर पर देखी जा रही है. जहां पर कांग्रेस के नेता आरएलपी के नेताओं को बजरी ठेकेदार के साथ मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं, तो उनकी सरकार है हमारे खिलाफ जांच करवाकर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही. बजरी के मुद्दे पर हो रही खुली लूट को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने आम जनता जागरूक किया है. जिसके बाद आमजन का कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है. लेकिन जैसे-जैसे विधानसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, 


वैसे ही बाड़मेर जिले में आम जनता के साथ बजरी की मनमानी तरीके से दरे वसूल कर हो रही लूट और सरकार को राजस्व नुकसान पहुंचाने के मुद्दे पर अब राजनीतिक पार्टियों ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी हैं. एक दूसरे पर आरोप लगाकर चुनावी जमीन मजबूत करने के लिए आंदोलन कर रही हैं.


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