बाड़मेर: जिले के इंदिरा नगर में हनुमानराम महर्षि की ओर से चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन वामन अवतार के प्रसंग का मंचन किया गया. इस दौरान श्रद्धालु झूमते-नाचते नजर आए. यहां सात दिवसीय भागवत कथा वाचक बांके बिहारी महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 बजे तक संगीतमय भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है. कथा के तीसरे कथा वाचक बांके बिहारी महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति सदैव ईश्वर की पूजा, तीर्थ यात्रा और दर्शन-पूजन से दूर भागता है, अंतिम समय में सभी राम के नाम को ही सत्य बताते हैं. ऐसे में यदि व्यक्ति जीवित रहते भगवान की भक्ति में लीन हो जाए तो उसका कल्याण संभव है. 


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वरना मृत्यु के बाद ऐसे व्यक्ति की आत्मा को सद्गति नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए, ताकि जब उसके प्राण निकले तो श्रेष्ठ इंद्रियों से निकले. यदि व्यक्ति अच्छे कर्म नहीं करता तो उसके प्राण भी शरीर की निकृष्ट इंद्रियों से निकलते हैं और उसकी आत्मा युग-युगांतर तक भटकती रहती है. मधुर भजनों के साथ संगीतमय कथा वाचन को दौरान कई श्रद्धालु झूमते-नाचते नजर आए.


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शुक्रवार को कथा वाचक ने वामन अवतार, राजा परीक्षित व समीक ऋषि संवाद समेत कई प्रसंगों का वर्णन करते हुए श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण का महत्व बताया. स्वरूप रामपुरिया ने वामन भगवान का अभिनय किया. भागवत कथा के श्रवण को लेकर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इस अवसर पर शिवलाल महर्षि, प्यारेलाल महर्षि, मूलाराम महर्षि, गोविंदराम भरींडवाल, वगताराम भरींडवाल, खेमाराम महर्षि, सोहनलाल महर्षि, हनुमान महर्षि, भागीरथ बबेरवाल, राणाराम महर्षि, प्रवीण महर्षि, जितेंद्र महर्षि, कल्याणसिंह चौधरी, कमलसिंह वीदा समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.


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