Barmer: बाड़मेर के पचपदरा में वैध बजरी खनन शुरू होने के बाद ठेकेदार बजरी की मनमानी दर वसूल कर आमजन को लूट रहा है. वहीं बिना किसी रसीद के 550 रुपये प्रति टन बजरी के हिसाब से रोजाना लाखों रुपये सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहा है. जिसके बाद अब स्थानीय लोगों ने ठेकेदार के खिलाफ आर-पार लड़ाई के लिए आंदोलन की राह पर चलने का आह्वान किया है. बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट से रोक हटने के बाद आमजन ने बजरी को लेकर बड़ी राहत महसूस हुई थी और जिले में वैध बजरी खनन शुरू होने से लोगों को लगा था कि अब बजरी की किल्लत दूर हो जाएगी.


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सरकार को हो रहा इतना नुकसान


वैध बजरी खनन को लेकर पचपदरा क्षेत्र में लूनी नदी में 3056 हैक्टेयर में सालाना 25.20 लाख टन बजरी खनन की अनुमति जारी की गई है. लूनी नदी में वैध बजरी खनन में सरकार के राजस्व खाते में 50 रुपये प्रति टन जमा होते हैं, जिसमें 45 रु प्रति टन रॉयल्टी, 10%डीएमएफटी व 2% आरएसएमईटी मिला कर 50.50 रुपये का राजस्व मिलता है, लेकिन सरकार द्वारा बजरी की दर निर्धारित नहीं होने के चलते ठेकेदार ने मनमानी तरीके से बजरी की ₹550 टन के हिसाब से वसूली शुरू कर दी है, जो अवैध बजरी खनन से भी कई गुना महंगी है. इतना ही नहीं बजरी ठेकेदार बिना रसीद देकर रोजाना राज्य सरकार को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान पहुंचा रहा है और जीएसटी की भी बजरी ठेकेदार लगातार चोरी कर रहा है. जिसको लेकर आमजन व गहलोत सरकार के विधायक व मंत्री लगातार अपनी ही सरकार को घेर रहें हैं, तो विपक्ष ने भी बजरी के मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. आमजन ने इस बजरी की अवैध वसूली से परेशान होकर 25 सितंबर से बजरी ठेकेदार से आर पार की लड़ाई को लेकर आंदोलन का आह्वान कर दिया है.


विकास कार्य पूरी तरह से ठप


पहले तो बजरी खनन पर रोक होने के चलते बाड़मेर में विकास कार्यों गति धीमी पड़ गई थी, लेकिन अब वैध बजरी खनन शुरू होने के बाद भी निर्माण विकास कार्य पूरी तरह से बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. क्योंकि सरकार द्वारा विकास कार्य में निर्धारित दर से कई गुना ज्यादा देर में बजरी मिलने के कारण इतनी महंगी बजरी खरीदना संभव नहीं है, जिसके कारण विकास कार्य पूरी तरह से ठप हैं. भाजपा नेता नरपत राज मूढ ने यहां तक आरोप लगा दिया कि सचिन पायलट व गहलोत के झगड़े के दौरान इसी बजरी के ठेकेदार ने गहलोत सरकार के विधायकों को रोकने के लिए होटलों में व्यवस्था करवाई थी और अब यह गहलोत सरकार की शह पर खुलेआम लूटने में लग गया है.


ठेकेदार के गुंडे करते है मारपीट, जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहें हैं कई लोग


राज्य सरकार द्वारा बजरी की दर निर्धारित नहीं होने के कारण खनिज विभाग भी ठेकेदार के आगे लाचार नजर आ रहा है और खनिज अधिकारियों की नाक के नीचे लगातार ठेकेदार अपनी मनमानी तरीके से बजरी की दर वसूल कर रहा है और कोई व्यक्ति बाड़मेर से बाहर से बजरी लेकर आता है, तो ठेकेदार के गुंडे ट्रक में तोड़फोड़ कर बजरी लाने वालों को अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ने के बीच पहुंचा देते हैं. कई लोग आज भी ठेकेदार के गुंडों द्वारा हाथ पांव तोड़ने के बाद जोधपुर व गुजरात के अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहें हैं. 


जिले से आने वाले कांग्रेस के 5 विधायक व वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक इस बात को पहुंचा चुके हैं, लेकिन ठेकेदार पर अभी तक कोई लगाम नहीं लग पाई है.


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