सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल नहीं बनाने को लेकर सड़कों पर उतरा जैन समाज, फैसला वापस लेने की मांग
झारखंड के गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाए जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद देशभर में जैन समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं.
बाड़मेर: झारखंड के गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाए जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद देशभर में जैन समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं. जैन समाज के लोग सम्मेद शिखरजी को अपना पवित्र तीर्थ स्थल बताते हुए इसे बचाने, इसे संरक्षित करने की मांग करते हुए बाड़मेर सहित राजस्थान में भी विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया हैं.
देश की पश्चिमी सरहद पर स्थित बाड़मेर जिले में भी आज बुधवार को जैन समाज ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर महिला पुरुष व बच्चों के साथ शहर भर में मौन रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. जिला कलेक्टर लोक बंधु को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने की अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है.
इन जगहों से निलकी मौन रैली
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में जैन समाज के पुरुष व महिलाओं ने प्रताप जी की पोल से मौन जुलूस निकाला. यह जूलूस शहर के पुरानी सब्जी मंडी, गांधी चौक कोतवाली पुलिस स्टेशन स्टेशन रोड अहिंसा सर्किल व विवेकानंद सर्किल होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा. इस दौरान जैन समाज के लोगों के हाथों में सम्मद शिखर जी को बचाने की नारों की तख्तियां लेकर चलते नजर आए.
विधायक ने फैसले पर नाराजगी जताई
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण हैं. जिसकी समाज निंदा करता है. शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखरजी जहां की पवित्र भूमि से जैन धर्म के 20 तीर्थंकर परमात्माओं के पवित्र निर्माण की यह भूमि है. यह पवित्र तीर्थ स्थल समूचे जैन समुदाय की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. इस देव भूमि की पवित्रता और सुचिता बनी रहे. इसलिए सरकार इस पवित्र क्षेत्र को तीर्थ स्थल ही रहने दे. पर्यटन स्थल बनाने का निर्णय वापस ले.