Rajasthan Crime: 60 हजार का ईनामी अपराधी 23 साल से था फरार, चंदे के पैसों से जीता था लग्जरी लाइफ, हथियारों का जखीरा के साथ गिरफ्तार
Rajasthan Crime News: जोधपुर रेंज आईजी की स्पेशल टीम व बाड़मेर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 23 साल से फरार चल रहे 60 हजार के ईनामी एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया.
Rajasthan Crime News: जोधपुर रेंज आईजी की स्पेशल टीम व बाड़मेर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 23 साल से फरार चल रहे 60 हजार के ईनामी एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया.
इस कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार करने के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए जिसको सुन कर पुलिस के अधिकारी भी हतप्रभ रह गए और आप हैरान हो जाओगे. अपराधी के पास से हथियार व गोला बारूद का जखीरा बरामद हुआ है पुलिस के सामने आरोपी ने दावा किया है कि इन हथियारों के बल पर दो दिन तक पूरे जिले की पुलिस से मुकाबला कर सकता है.और हमेशा इसके लिए तैयार रहता था.
जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने प्रेस वार्ता कर बताया कि रेंज की स्पेशल टीम बाड़मेर पुलिस ने आज ग्रामीण थाना क्षेत्र के विशाला के पास से 23 साल से फरार चल रहे 60 हजार के इनामी आरोपी लाल सिंह उर्फ लूण सिंह निवासी जोगीदास का गांव जैसलमेर को गिरफ्तार किया है.
वर्ष 1994 में हरलाल सियाग की हत्या के मामले में आजीवन सजा काट रहा था और 2002 में पैरोल से फरार हो गया था उसके बाद से लगातार वह अपराध की दुनिया के साथ ही हथियार व गोला बारूद की सप्लाई कर रहा था लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी आरोपी के खिलाफ अब तक हत्या,हत्या का प्रयास,लूट,डकैती,अपहरण,नकबजनी, आम्स एक्ट,राजकार्य में बाधा व पैरोल से फरार के 19 मामले दर्ज है लेकिन पुलिस के पास आरोपी का फोटो तक नहीं था.
आरोपी के पास से तीन हथियार,300 जिंदा कारतूस, तलवार,चाकू, गुप्ती, बारूद बनाने का सामान, फर्जी नंबर प्लेट,1लाख रुपये नकद व हिसाब किताब की डायरिया बरामद हुई हैं. आरोपी के पास से मिले थ्री नॉट थ्री बंदूक व 9एमएम पिस्टल सिर्फ पुलिस को पैरामिलिट्री फोर्स के पास ही होते हैं.
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पैरोल से फरार होने के 8 साल बाद उसने शादी और दो बच्चे है इतने बड़े कुख्यात अपराधी को 23 साल से बड़ी मात्रा में पूरे मारवाड़ से चंदा दिया जा रहा था और उसे चंदे के पैसों से बड़े ही आराम से यह लग्जरी जीवन यापन कर रहा था.
आरोपी लाल सिंह उर्फ लूणसिंह अंतरराज्य कुख्यात डकैतों का सहयोगी रहा है। डकैत स्वरूप सिंह बईया से ही इसके बाद बरामद हुई थ्री नॉट थ्री बंदूक खरीदना बताया है। पुलिस से बचने के लिए घर के एक किलोमीटर परिधि में बहुत सारे कुत्ते पाल रखे थे जो पुलिस व संदिग्ध व्यक्ति दिखाने पर भौंकने से यह सतर्क हो जाता था। और बड़े ही आराम से अलग-अलग नंबर प्लेट बदलकर बोलोरो कैंपर गाड़ी, ऊंट सहित पैदल घूम कर फरारी काट रहा था।
आईजी विकास कुमार ने बताया कि पिछले एक महीने से स्पेशल टीम में लगातार इसकी तलाश कर रही थी लेकिन जानवरों व पक्षियों की आवाज से सुगुन देख खतरे का आभास कर लेता और टीम के पहुंचने से पहले ही यह शातिर अपराधी फरार होने में कामयाब हो जाता है आज भी पुलिस टीम द्वारा दबिश देने पर यह पहले ही फरार हो गया था लेकिन तकनीकी सूचना के आधार पर पुलिस को इसका आगे का ठेका ना पता होने के कारण रास्ते में नाकेबंदी कर नाटकीय अंदाज में लालसिंह उर्फ लूणसिंह को उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया.
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी लाल सिंह ने बताया कि प्रतिशोध की भावना में वर्ष 1994 में हरलाल सियाग की हत्या की उसके बाद जेल चला गया और आजीवन कारावास की सजा हो गई। पैरोल पर फरार होने के बाद से ही लगातार यह अपराध की दुनिया का शातिर बादशाह बनता गया.
पुलिस के सामने इसमें दावा किया और अपने सहयोगी को पहले ही बता रखा था कभी भी पुलिस की रेड पड़ने पर फरार हो जाना मैं अकेला पूरे जिले की पुलिस से 2 दिन तक मुकाबला कर सकता हूं.
इतना ही नहीं फेरारी की सिल्वर जुबली होने के बाद इसने सरेंडर करने का भी प्लान बना रखा था लेकिन पुलिस की टीमों ने घेर कर इसको पहले ही गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में पुलिस के सामने कई इसके अन्य सहयोगियों के भी नाम सामने आए हैं और आगे जांच में कई और चौंकाने वाले खुलासे होने का अंदेशा है.