Sheo News, Barmer: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को 1 साल बचा है, लेकिन चुनावी सियासत अभी से ही शुरू हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अमीन खान ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है कहा कि बाड़मेर और जैसलमेर जिलों को पिछड़ा और बॉर्डर इलाकों के लिए 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड बीडीपी योजना के तहत आ रहा था, जिसे केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है. यह हमारे लोगों के साथ विश्वासघात है. वहीं, इस मामले में कैलाश चौधरी ने आरोपों को निराधार बताया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) योजना को केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है, जिसके बाद बाड़मेर जैसलमेर जिलों में सहरदी गांवों में विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. देश में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम योजना1993-94 में शुरू की गई थी, इसका उद्देश्य केंद्र और राज्य की साझेदारी से सीमावर्ती आबादी की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकास कार्य करवाना था. योजना का क्रियान्वयन क्षेत्र की सीमा से भीतर 10 किलोमीटर का एरिया रखा गया था. इसमें चार जिलों के लिए इस साल करीब 64 करोड़ रुपये, 2020-21 में 160 करोड़ रुपये और 2019-20 में 202 करोड़ रुपये का बजट का वित्तीय प्रावधान रखा गया था. 


कांग्रेस विधायक अमीन खान ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में बाड़मेर-जैसलमेर जिले को पिछड़ा क्षेत्र घोषित किया गया था. वहीं, इन सीमावर्ती जिलों के लिए बीएडीपी के तहत करोड़ों का बजट स्वीकृत होता था, जो सीमावर्ती इलाकों में मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद बीएडीपी का पैसा रुक गया है. इससे सीमावर्ती जिलों में विकास कार्यों में लेबर से लगाकर कई कार्य ठप्प से हो गए हैं. 


कांग्रेस विधायक अमीन खान के जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है. बॉर्डर इलाकों के विकास के लिए मोदी सरकार ने गति शक्ति योजना शुरू की है. भारतमाला जैसे बड़े प्रोजेक्ट से लगाकर सीमावर्ती क्षेत्रों में कई कार्य केंद्र सरकार द्वारा करवाए जा रहे हैं और निरंतर आगे भी सीमावर्ती इलाकों में बेहतर कार्य होंगे. कैलाश चौधरी ने कहा कि बाड़मेर के अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई विकास कार्य अटके पड़े हैं.