Rajasthan News: जैसलमेर में ग्रामीण सरकार से ओरण भूमि को अपने राजस्व अभिलेखों में शामिल करने को लेकर पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.  इसके अलावा, वे उस भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की संभावना के खिलाफ भी आंदोलन कर रहे थे, जिसे पिछले कई दशकों से जैसलमेर में ओरण भूमि माना जाता रहा है.


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विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जैसलमेर में निजी कंपनियों के हाथों में प्रशासनिक व्यवस्था है और जिम्मेदार अधिकारी निजी कंपनियों के इशारे पर काम को अंजाम दे रहे हैं. जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में राजस्थान के शिव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी के अलावा दो अन्य लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं सोशल मीडिया पर भाटी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में पुलिस वाहन में बैठे दो लोगों से उतरने के लिए कहते हुए देखा जा सकता है.



जूझ रहे लोग स्थानीय लोग 
राजस्थान में 'ओरण' एक विशेष प्रकार की भूमि है, जिस पर खेजड़ी के वृक्षारोपण किया जाता है. यह वृक्ष पूरी तरह से विकसित होने में दशकों लग जाते हैं. ओरण भूमि शुष्क और बंजर इलाकों में पारिस्थितिकी तंत्र को सहारा देने के लिए महत्वपूर्ण है. 



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राजस्थान के शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने आरोप लगाया है कि एक प्राइवेट कंपनी ने ओराण लैंड के हिस्से के रूप में निजी भूमि पर ग्रिड सिस्टम स्थापित करने का फैसला लिया है. गांव वाले विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि ओरण लैंड पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाए. उन्हें डर है कि यह निजी कंपनी का भविष्य का कदम हो सकता है और इससे पारिस्थितिकी तंत्र और ग्रामीणों और जानवरों का जीवन बुरी तरह प्रभावित होगा.


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