आशीष चौहान/जयपुर: प्रदेश में किसानों को संकट से उभारने के लिए लागू की गई फसली ऋण माफी योजना के तहत अब तक 20 लाख से ज्यादा आवेदन आ चुके है. किसानों के ऋण माफी आवेदनों पर विभाग भी तेजी से कार्यवाही कर रहे हैं और प्रतिदिन औसतन एक लाख से अधिक किसानों को ऋण माफी प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें राहत दी जा रही है. राजस्थान में  अबतक 15 लाख 31 हजार से अधिक किसानों को 5654 करोड़ रुपये के ऋण माफी प्रमाण पत्र जारी कर दिए हैं. इस बार सबसे खास बात यह देखी गई कि विभाग ने फर्जीवाडा रोकने के लिए बॉयामेट्रिक सिस्टम लागू किया गया. 


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अब तक निजी और सरकारी दफ्तरों तक ही बॉयामैट्रिक सिस्टम देखा जाता था, लेकिन इस बार फर्जीवाडा रोकने के लिए सरकार ने बॉयोमैट्रिक सिस्टम लागू किया. पिछली सरकार में डूंगरपुर, अलवर, बांसवाडा समेत कई जिलों में करोड़ रूपए का घोटाला हुआ, जिसे रोकने के लिए सरकार ने इस बार बॉयोमैट्रिक सिस्टम लागू किया. प्रदेश में 16 लाख 53 हजार से अधिक किसानों द्वारा ऋण माफी योजना में अपना बायोमैट्रिक सत्यापन करवाया. हालांकि इस योजना में ओटीपी सिस्टम के जरिए भी किसान अपना सत्यापन करवा रहे है, जिसमें सिर्फ 5 फीसदी किसानों ने ही ओटीपी सिस्टम के जरिए सत्यापन करवाया. 


सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि सरकार लगातार किसानों को लेकर गंभीर थी, जिसे देखते हुए सरकार की पहली प्राथमिकता थी कि किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. हमारी सरकार में 20 लाख से ज्यादा किसानों ने आवेदन कर दिया है, जिसमें से 15 लाख से ज्यादा किसानों का कर्ज तो माफ भी हो गया है. ऐसे में राजस्थान में सभी अल्पकालीन किसानों का कर्ज माफ होगा.


वहीं सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज के पवन का कहना है कि देश में पहली बार किसान कर्जमाफी में बॉयोमैट्रिक सत्यापन किया गया, जिससे पूरी तरह फर्जीवाड़े पर लगाम लगी, नहीं तो पिछली बार ऐसा अपात्र किसानों का भी ऋण माफ हो गया था. ऐसे में घोटाले की संभावना बहुत कम होगी.