सवाई माधोपुर: भरतपुर के सवाई माधोपुर में एक बार फिर चिकित्सकों की लापरवाही के चलते एक गर्भवती का प्रसव एम्बुलेंस में ही हो गया. यह मामला खण्डार अस्पताल का है, जहां प्रसव का दर्द शुरू होने के बाद अस्पताल आई एक गर्भवती महिला को डॉक्टर ने ब्लड की कमी बताकर दूसरे अस्पलात का रास्ता दिखा दिया. 


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खबर के मुताबिक डॉक्टरों ने अस्पताल में ब्लड उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रसव में 10,12 घण्टे का वक्त बता दिया. जिसके बाद महिला की जांच कर उसे जिला अस्पताल के लिये रैफर कर दिया. मगर जैसे ही 108 एम्बुलेंस गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल से महज 3 किलोमीटर पहुंची महिला को बेहद तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई.


जिसके बाद चालक ने एम्बुलेंस को एक पेट्रोल पम्प पर रोका और गर्भवती महिला की पीड़ा को देखते हुए महिला के परिजन तथा ईएमटी जसवंत सिंह की मदद से एम्बुलेंस में ही महिला का प्रसव करवाया. इसके बाद परिजनों ने बच्चे और मां को अस्पताल में भर्ती करवाया. उधर मामले को लेकर महिला के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए डॉक्टर को हटाने की मांग की है. 


जबकि दूसरे मामले में जिला अस्पताल में शनिवार की शाम प्रसव के लिए एक महिला को भर्ती करवाया गया. इस दौरान महिला को लेबर रूम में प्रसव पीड़ा होने पर ले जाया गया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर उनसे पैसे की मांग कर रहे थे. इस दौरान डॉक्टरों ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को ऐसे ही छोड़ दिया. इसी बाच स्ट्रेचर के ऊपर ही प्रसूता ने बच्चे को जन्म दे दिया और बच्चा सीधे पानी की बाल्टी में जा गिरा जिससे उसकी मौत हो गई. 


गर्भवती महिला का सास की सास की मानें तो जब उसकी बहू के डिलीवरी हुई तो बच्चे के रोने की आवाज आई थी और वह भागकर लेबर रूम में गई तो देखा कि बच्चा पानी की बाल्टी में गिरा हुआ है. क्षण भर की देरी में ही नवजात ने दम तोड़ दिया.


जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर और नर्स पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया. आक्रोशित परिजनों ने आलनपुर लिंक रोड जाम करने का प्रयास किया. सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस ने आक्रोशित लोगों की समझाया और सभी को कोतवाली थाने पर लाकर महिला की ओर से डॉक्टर एवं अन्य चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया. 


फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. वहीं अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि प्रसव के दौरान नवजात की मौत हुई है. मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.