Bharatpur Crime News:भरतपुर के पूर्व राज परिवार के सदस्य एवं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह एवं पुत्र अनिरुद्ध के खिलाफ उपखंड अधिकारी के यहां भरण-पोषण का प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया है. इसमें सिंह ने पांच लाख रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण के साथ मोती महल, कोठी दरबार निवास आदि पर कब्जा दिलाने की बात कही है.


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पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह (62) पुत्र महाराज कर्नल सवाई बृजेन्द्र सिंह निवासी मोती महल हाल अस्थाई निवासी जवाहर फार्म ने लिखा है कि प्रार्थी वरिष्ठ नागरिक है और हृदय रोग से पीड़ित है. दो स्टंट डले होने के कारण टेंशन सहन नहीं कर सकता. 


यह जीवन के लिए घातक है. मैं दो बार वर्ष 2021 एवं 2022 में दो बार कोरोना से पीड़ित हुआ, लेकिन पत्नी एवं बेटे ने कोई शारीरिक व मानसिक सहायता नहीं की. उपचार के दौरान व बाद में भी देखभाल की सुध नहीं ली. न तो कोई देखने आया और न ही दूरभाष पर बात की. वर्णित संपत्तियां मेरी एकल स्वामित्व की हैं, जो उसे अपने पिता से वसीयत के जरिए प्राप्त हुई हैं.


सिंह ने पत्नी व बेटे ने कुछ वर्षों से मिलकर मेरे साथ बगावत जैसा रवैया अपनाना प्रारंभ कर दिया. मेरे पहनने के कपड़े फाडकऱ कुएं में फेंक दिए व जला दिए. कागजात-रिकॉर्ड आदि फाड़ दिए और गाली-गलौच कर कमरों से सामान निकालकर बाहर फेंंक दिया. यहां तक चाय-पानी तक बंद करा दिया. खाना भी आधा-अधूरा ही मिलता था. 



क्षेत्र से आने वाले लोगों को मुझसे नहीं मिलने दिया जाता था. बिना अनुमति के बाहर आना-जाना भी बंद कर दिया. गाड़ी के ड्राइवर को हटा दिया. इसके चलते मेरा निवास पर रहना मुश्किल हो गया. आरोप है कि विश्वेंद्र सिंह के साथ मारपीट तक शुरू कर दी गई और एक कमरे तक सीमित कर दिया. उनका मंतव्य सामने आया कि मेरी जीवनलीला समाप्त हो जाए और संपूर्ण संपत्ति को खुर्द-बुर्द कर दें. 


अनेक बार सुरक्षा गार्ड से भी दुव्र्यवहार किया. इसके बाद मुझे घर छोडकऱ जाना पड़ा. मैं तभी से खानाबदोश की तरह रह रहा हूं. कभी सरकारी निवास पर तो कभी होटल में शरण ले रहा हूं. सरकारी दौरों के अलावा जब भी मैं भरतपुर आता तो मुझे अपने निवास में नहीं घुसने दिया गया. 


मैंने घर से जाते समय घर स्टोर में कीमती वस्तुएं छोड़ी हैं, इनकी कीमत करोड़ों रुपए में है. मेरे स्वामित्व के 912 लाख के सोने-चांदी के जवाहरात व आभूषण तथा 25 लाख के वह आभूषण जो मैंने पत्नी दिव्या सिंह को अंतरित किए थे, वह उनके कब्जे में है. 


आरोप है कि इंस्टाग्राम, फेसबुक व मोबाइल मैसेज के जरिए विभिन्न प्रकार की टिप्पणी कर बेइज्जत किया है. ऐसे में अब उनके साथ रहना पाना संभव नहीं है. वह मुझे कभी भी कोई क्षति पहुंचा सकते हैं.


विश्वेन्द्र सिंह ने यह रखी हैं मांग
- पत्नी व बेटे से पांच लाख रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण दिलाया जाए.


- दोनों से मोती महल, कोठी दरबार निवास, सूरज महल, गोलबाग परिसर में स्थित सभी भवन, मंदिर, देवालय आदि को खाली कराकर कब्जा दिलाया जाए.


- सभी पैलेसियल आइटम फर्नीचर, भवनों में स्थित साज सज्जा का सामान, यूटेन्सियल्स, कालीन, ट्रॉफी सहित अन्य सामान दिलाया जाए.


- कोठी इजलास खास के संबंध में दिया गया दान पत्र दिनांक 27 अक्टूबर 2020 व उसके द्वारा किया गया अंतरण प्रार्थना पत्र में वर्णित आधारों पर अवैधानिक शून्य व अप्रभावी घोषित किया जाए.


- दो बंदूक भी पत्नी व बेटे के कब्जे में हैं, जो दिलाई जाएं
- अंतरिम राहत के तौर पर कहा कि इजलास खास व उसके किसी भाग को उसके किसी चल, अचल संपत्ति को किसी दीगर व्यक्ति को अंतरित नहीं करे. 


दोनों को यह भी निर्देशित किया जाए कि वह इंस्ट्राग्राम, ट्विटर, फेसबुक व मोबाइल पर मैसेज, पोस्ट करने से बाज आएं तथा मेरे सम्मान पर किसी प्रकार की चोट नहीं करें. प्रार्थी को इस उम्र में मानसिक तनाव रहता है, जो मेरे जीवन के लिए घातक है.


चाल साल से चल रहा पूर्व राजपरिवार में विवाद


भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच पिछले करीब चार साल से विवाद चल रहा है. विवाद के कारण पूर्व राजपरिवार के सदस्य एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी मोती महल के बजाय अन्य निजी आवास पर रह रहे हैं. 


विवाद को सुलझाने के लिए अन्य पूर्व राजपरिवार के सदस्यों ने कोशिश भी की है, लेकिन यह विवाद सुलझ नहीं सका. इसी कारण विश्वेंद्र सिंह के पुत्र भी कभी सचिन पायलट तो कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में ट्वीट करते नजर आते हैं. इस विवाद के चलते कितनी ही बार पिता-पुत्र के समर्थकों के बीच भी छिटपुट विवाद सामने आते रहे हैं.


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