देवेन्द्र सिंह/भरतपुर: कहते हैं इंसान अगर दृढ संकल्प करते हुए किसी कार्य के पीछे मेहनत और आत्मविश्वास के साथ लग जाये तो वह मंजिल को पाकर ही दम लेता है. ऐसा ही कर दिखाया है भरतपुर की भुसावर तहसील के गांव सलैमपुर खुर्द में संचालित राजकीय परशुराम सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के प्रधानाचार्य बाबूलाल मीणा एवं उनकी टीम ने. जिन्होने जनसहयोग एवं भामाशाहों की मदद से विद्यालय की तस्वीर ही नहीं बदली बल्कि विद्यालय में आज विद्यार्थियों नामांकन 700 से अधिक तक पहुंचाया है. अब यहां परीक्षा परिणाम भी शत प्रतिशत रहने लगा है. 


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वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा इस विद्यालय को 5 स्टार रैंक से नवाजा गया है. जिस कारण आज विद्यालय राजस्थान ही नहीं बल्कि आस पास के प्रदेशों में भी एक पहचान बनाने लगा है. जहां विद्यालय में 20 किलोमीटर दूर से विद्यार्थी अध्ययन करने आते हैं और विद्यालय में अनुशासन में रहते हुए अध्ययन करते हैं. वहीं विद्यालय में जनसहयोग से 700 से अधिक पेड़ लगाकर सौन्दर्यकरण किया गया है. विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाते हुए पेड़ लगाने का संकल्प दिलाया जाता है. विद्यालय में प्रधानाचार्य एवं उनकी टीम द्वारा सैंकडों भामाशाहों को जोडकर उनकी द्वारा दी गई लाखों रूपये की सहायता राशि से शौचालय, भवन सहित विद्यार्थियों को बैठने के लिए फर्नीचर, पंखे एवं विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं. जिससे विद्यार्थियों को पढाई करने में किसी भी परेशानी का सामना नही करना पडता है और शांति के माहौल में बैठकर विद्यार्थी अपनी पढाई करते हुए भविष्य संवारने में लगे हुए हैं.


संस्था प्रधान बाबूलाल मीणा ने बताया कि वे राजकीय परशुराम आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में 21 अक्टूबर 2016 को जब स्थानान्तरित होकर आये और देखा कि विद्यार्थी एक जर्जर भवन में छतों से टपकते बरसाती पानी के बीच पढने को मजबूर हैं. जिसके बाद मैने अपनी टीम को बुलाकर विद्यालय की कायाकल्प करते हुए विद्यार्थियों को हो रही परेशानियों से निजात दिलाने की बात रखी जिस पर टीम ने हर हालत में साथ देने की बात कही. हमने सैंकडों भामाशाहों को विद्यालय से जोड़ा और उन्हे विद्यालय में हो रही परेशानियों से अवगत कराया. जिस पर भामाशाहों की मदद के साथ साथ जनसहयोग से 20 लाख रूपये से अधिक रूपये एकत्रित करके विद्यालय में सिविल कार्य कराये. 


वहीं विद्यालय में भामाशाहों द्वारा समय समय पर लाखों रूपये का फर्नीचर, पंखे, मॉ सरस्वती के मन्दिर का निर्माण सहित पोशाक और पाठ्य सामग्रीयों का वितरण कर सहयोग किया जाता रहा है. विद्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपनाकर बारिश के पानी को बचाया जा रहा है और विद्यार्थियों को भी इस तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी देकर अपने गांव एवं परिवार में बताकर इस तकनीक का उपयोग कर पानी बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है. विद्यालय में शारीरिक शिक्षा के साथ साथ विभिन्न गतिविधियां सुचारू रूप से करायी जाती है. जिस कारण विद्यालय की छात्रा जिम्नाष्ट में नेशनल पर कलकत्ता खेलने पहुंची.


नामांकन में लगातार हो रही है वृद्धि
प्रधानाचार्य बाबूलाल मीणा ने बताया कि सत्र 2015-16 में जब स्थानान्तरित होकर वे इस विद्यालय में आये तब विद्यालय का नामांकन 280 विद्यार्थी था जो विद्यालय स्टाफ एवं ग्रामीणों के सहयोग के बाद आज सत्र 2019-20 में 700 से अधिक हो गया है. वहीं विद्यालय का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है. विद्यालय की भूमि पर 30 वर्षों से चले आ रहे अतिक्रमण को हटवाकर ग्रामीणों की मदद से चारदीवारी का कार्य करवाया गया. जिससे बच्चों को खेल मैदान की सुविधा मिलने से उनका शारीरिक विकास भी किया जा रहा है. विद्यार्थियों का कहना है कि विद्यालय का बातावरण इतना मनमोहक है कि यहां हमें पढाई करने के लिए शांति का माहौल मिलता है. वहीं विद्यालय में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए अध्यापकों द्वारा विभिन्न तरीके से मदद कर सहयोग किया जाता है.


5 स्टार रैंक से नवाजा गया है विद्यालय
राजकीय परशुराम आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में कराये गये विकास कार्यो सहित परीक्षा परिणामों और शिक्षा के बढते स्तर को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय को 5 स्टार रैंकिंग से नवाजा गया और संस्था प्रधान को तत्कालीन जिला कलक्टर द्वारा सम्मानित किया गया.


भामाशाहों द्वारा विद्यालय में दिया गया सहयोग
संस्था प्रधान बाबूलाल मीणा एवं उनकी टीम ने बताया कि शहर के कई भामाशाहों ने सहयोग करते हुए विद्यालय की कायाकल्प करने में मदद की. जिससे आज विद्यार्थियों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है.


विद्यार्थियों को दी जा रही हैं विभिन्न सुविधाएं
राजकीय विद्यालय में जनसहयोग से कराये गये विकास कार्यो के बाद विद्यार्थियों को पूरी सुविधाएं दी जा रही हैं. जिसमें आधुनिक शौचालयों का निर्माण सहित साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. विद्यार्थियों को पानी पीने के लिए हर कक्षा के बाहर नल लगवाये गये हैं जिससे विद्यार्थियों को इधर उधर बिना काम नहीं घूमना पड़े. वहीं जो पानी फैलता है उसे पेड़ों में जाने की व्यवस्था की गई है. जिससे पानी की बर्बादी नहीं हो.