Health news: मोटे अनाज की बढ़ी डिमांड, किसानों में खुशी की लहर
Millets Demand Increased in International Markets: देश के मिलेट्स उत्पादन में राजस्थान का हिस्सा 28.6 प्रतिशत है. इसके साथ ही, मिलेट्स की खेती के क्षेत्रफल में भी राजस्थान का हिस्सा 36 प्रतिशत है.
Millets Benefits: पूरी दुनिया में भारत मोटे अनाज के उत्पादन में शीर्ष पर है. देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन में राजस्थान सबसे ऊपर है. देश के मिलेट्स उत्पादन में राजस्थान का हिस्सा 28.6 प्रतिशत है. इसके साथ ही, मिलेट्स की खेती के क्षेत्रफल में भी राजस्थान का हिस्सा 36 प्रतिशत है. मोटे अनाज में आठ अनाजों को शामिल किया गया है. साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज साल घोषित किया गया था, जो अब अपने समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. इसके कारण, मिलेट्स की मांग बढ़ी है और इनकी कीमतों में भी वृद्धि हुई है, जिससे किसानों को भी दोगुना लाभ होगा.
इन मोटे अनाजों में बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, कोदो, सवां, और चना शामिल हैं. मोटे अनाज की कीमतें एक साल में दोगुनी हो गई हैं. यहां तक कि अनुमानित हो रहा है कि आने वाले साल में इन मोटे अनाजों के उत्पादन करने वाले किसानों को भारी मुनाफा होगा.
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मांग के कारण दाम में इजाफा
मांग के कारण मोटे अनाज की कीमतों में वृद्धि हो रही है. अंतरराष्ट्रीय मिलेट साल होने के कारण मोटे अनाज की मांग में वृद्धि हो रही है. विदेशी कंपनियों के प्रवेश से मोटे अनाज की मांग में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसी कारण, पिछले एक साल में ही मोटे अनाज की कीमतें दोगुनी हो गई हैं. रागी, ज्वार, ब्राउन टॉप, और अन्य मोटे अनाजों की खुदरा कीमतें पिछले एक साल में 40 फीसदी से 100 फीसदी तक बढ़ी हैं. वहीं, मंडियों में इनके थोक दामों में भी एक साल में 60 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.