Bharatpur News: भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय (  Maharaja Surajmal Brij University )के नए वीसी के रूप में प्रोफेसर रमेश चंद्रा ने पदभार गृहण कर लिया है . राज्यपाल कलराज मिश्र( Kalraj Mishra ) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok gehlot) से मुलाकात के बाद नए वीसी प्रोफेसर रमेश चंद्रा ( Ramesh chandra) ने पदभार गृहण किया है. नवागत कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्रा ने कुलसचिव सुभाष चंद्र शर्मा, नियंत्रक डॉ. बी के सिंह सहित सभी अधिकारी व कार्मिकों ने स्वागत किया. इस मौके पट नए कुलपति ने मौके पर अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया तथा बैठक कर आगामी मुख्य परीक्षा और तृतीय दीक्षांत समारोह की तैयारियों के सन्दर्भ में आवश्यक निर्देश दिये.


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मीडिया से बातचीत में नए वीसी प्रोफेसर रमेश चंद्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय को उच्च गुणवत्ता मानक के रूप में स्थापित करना उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी साथ ही सभी का सहयोग लेकर शिक्षा में रिसर्च वर्क शुरू कराएंगे और परीक्षा पैटर्न में भी जो आवश्यक होगा वह सुधार करेंगे. राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनकी 3 साल के लिये नियुक्ति की है.


रमेश चन्द्रा मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय में 30 साल तक रसायन विज्ञान के प्रोफेसर रहे हैं 
उपकुलसचिव डॉ अरुण पांडेय ने बताया है कि प्रोफेसर रमेश चन्द्र मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय में 30 साल से रसायन विज्ञान के प्रोफेसर रहे है. उनकी शिक्षा- एम एससी, पी एच डी, फेलो ऑफ रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, लंदन है. वह डॉ.  बी आर  अम्बेडकर  इंस्टिट्यूट ऑफ बायो मेडिकल रिसर्च,  दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्थापक निदेशक रहे है. वह 1999-2005 तक बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय,  झाँसी के कुलपति के रूप मे 2 टर्म रह चुके है और झांसी विश्वविद्यालय को स्थापित करने में उनकी महती भूमिका रही है. उन्हें अकादमिक,  शोध, नियमित नियुक्तियां, निर्माण कार्य व अवस्थापना के अद्वितीय कार्य के कारण ख्याति मिली. 


प्रोफेसर रमेश चंद्रा की उपलब्धि
वह इंडियन केमिकल सोसाइटी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश योजना आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं. प्रोफेसर चंद्रा राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के निदेशक भी रहे हैं. वह अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध संस्थाओं के फेलो है. बायो मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान- कैंसर रोगियों के लिए chemotherapy के लिए है . वह 100 से अधिक शोधकर्ताओं का प्रत्यक्ष मार्गदर्शन , मौलिक शोध पत्र- 360 पुस्तकें- 09, पुस्तकों में पाठ-28,पेटेंट- 08उनके नाम पर है.  देश के अनेक प्रख्यात विश्वविद्यालयों के बोर्ड ऑफ governance, अकादमिक परिषदों,  अध्ययन मंडलों के सदस्य के रूप में निरन्तर योगदान रहा है.


विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव डॉ अरुण पांडेय ने बताया कि प्रोफेसर रमेश चंद्रा के मार्गदर्शन में भरतपुर का महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा.