Bayana : मुस्लिम सुरक्षा अध्यादेश के बावजूद भी एक महिला को तीन तलाक देने का मामला सामने आया है. जिसमें निकाह के 11 साल बाद महिला के पति ने अपनी पहली पत्नी को ना सिर्फ तीन तलाक दिया. इस बीच उसने दूसरी शादी कर महिला को घर से निकाल दिया और अब नॉटरी से रजिस्टर्ड कराकर पीड़ित महिला को तीन तलाक जरिये डाक भेज दिया है. जिस पर पीड़ित महिला ने अपने पति के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है.


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भरतपुर के रूपवास थाना इलाके के खानुआ गांव की एक महिला ने पुलिस थाने में तीन तलाक का मामला दर्ज कराया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि उसका निकाह 18 नवंबर 2011 को सवाईमाधोपुर के पावटा गद्दी गांव में आरिफ नाम के शख्स से हुआ था.


महिला के मुताबिक उसके पिता ने हैसियत से बढ़चढ़ कर 6 लाख रुपये निकाह में खर्च किये थे, निकाह के बाद वो ससुराल आ गयी. साल 2013 में उसने एक बेटी को जन्म दिया. उसके बाद से ही ससुराल वाले और शौहर ने उसे परेशान करना शुरु कर दिया.  


महिला ने बताया कि मानसिक और शारीरिक रुप से उसे इतना प्रताड़ित किया गया कि उसकी आंखों की रोशनी कम होने लगी. इस बीच उसका शौहर आरिफ जयपुर में रहने लगा और दूसरी शादी कर ली. आरिफ 2019 में अपने दूसरी बीपी को लेकर पावटा गांव आ गया. 


महिला ने जब इसका विरोध किया तो आरिफ और ससुराल के लोगों ने उसे जबरन मारपीट कर गाड़ी में बिठाया और फिर खानुआ छोड़ दिया. आरिफ ने रजिस्टर्ड डाक नॉटरी से अटेस्ट कराकर तीन तलाक नामा महिला को भेज दिया है. 


महिला के मुताबिक आरिफ ने पहले 17 जून 2022 को पहला तलाकनामा भेजा और फिर दूसरा तलाकनामा 22 जून 2022 को भेजा. इसके बाद तीसरा तलाकनामा 26 अगस्त 2022 को भेजा गया. सभी तलाकनामें नोटरी से अटेस्टेड थे. 


रिपोर्टर- देवेंद्र सिंह


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