जयपुर: भरतपुर जिले की कामां सीट से कांग्रेस की नवनिर्वाचित विधायक जाहिदा खान को सोमवार को मंत्री नहीं बनाये जाने पर उनके कुछ समर्थकों ने प्रदर्शन किया.


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कामां के थानाधिकारी प्रभाती लाल ने बताया कि विधायक के समर्थकों ने कोसी चौराहे, अंगरावली व उदाका इलाके में नारे बाजी की और वहां पड़े बेकार टायरों को आग लगा दी. हालांकि इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है. 


आपको बता दें कि, 2008 के गहलोत सरकार में जाहिदा मंत्री रही थी. लेकिन इस बार के कैबिनेट में सिर्फ ममता भूपेश को जगह मिला है. वहीं मुस्लिम चेहरे के रुप में सालेह मोहम्मद को मंत्री बनाया गया है. 


उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार के पहले मंत्रिमंडल में सोमवार को 23 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. इनमें से 18 विधायक ऐसे हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं. जबकि पहली बार चुनकर आए 25 से अधिक विधायकों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया. 


सोमवार को मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले में बी डी कल्ला, रघु शर्मा, शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, परसादी लाल मीणा, विश्वेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, भंवर लाल मेघवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदय लाल अंजाना, सालेह मोहम्मद, और गोविंद सिंह डोटासरा का नाम शामिल है. इसके अलावा ममता भूपेश, अर्जुन सिंह बामनिया, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जोली, भजनलाल जाटव, राजेन्द्र सिंह यादव, और आरएलडी के सुभाष गर्ग भी मंत्री बने हैं. 


गहलोत के इस मंत्रिमंडल में सभी संभागों को प्रतिनिधित्व देने के साथ ही जातीय संतुलन भी साधने की कोशिश की गई है. इस बार ब्राह्मण समाज से दो नाम, जबकि चार जाट, दो राजपूत, तीन वैश्य को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति के चार, अनुसूचित जनजाति के तीन विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है. अनुसूचित जनजाति में वागड़ से भी एक प्रतिनिधि शामिल है. गहलोत की मंत्रिपरिषद में सोमवार को शामिल होने वाले नामों में एक-एक चेहरा मुस्लिम, यादव, विश्नोई, गुर्जर और कलाल समाज से भी लिया गया है.


आपको बता दें कि, राजस्थान में 7 दिसंबर को 199 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हआ था. जिसमें राज्य की 99 सीटों पर कांग्रेस चुनाव जीतने में कामयाब हुई थी.


(इनपुट भाषा से)